प्रशिक्षण नहीं लेने वाले शिक्षकों के वार्षिक वेतनवृद्धि पर रोक
सरकारी विद्यालयों के कुछ शिक्षक विभाग की ओर से आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेने से कतरा रहे हैं.
सीतामढ़ी. सरकारी विद्यालयों के कुछ शिक्षक विभाग की ओर से आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेने से कतरा रहे हैं. ऐसे शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए मजबूर करने व सबक सिखाने के लिए विभाग ने ठोस निर्णय लिया है. यानी प्रशिक्षण से परहेज करने वाले शिक्षकों का वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं होगी. विभागीय एसीएस ने डीईओ व डीपीओ स्थापना को अपने स्तर से विभाग के इस निर्णय से शिक्षकों को अवगत करा देने की बात कही है.
— प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य
विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि सतत व्यावसायिक विकास (सीपीडी) योजना के तहत सरकारी विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण करना अनिवार्य है. उक्त प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों का आंकड़ा ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किया हुआ है. इसमें किसी प्रकार की त्रुटि होने पर ई-शिक्षा कोष द्वारा शिक्षकों के लॉगिन में ऑप्शन दिया गया है. जो शिक्षक छह अप्रैल से 17 अगस्त 24 तक विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों, परिषद परिसर, विपार्ड पटना एवं गया में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त किये है, वे खुद अपने प्रोफाइल में ट्रेनिंग हिस्ट्री अद्यतन कर सकते है. जो शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करेंगे, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि देय नहीं होगा.
— कनीय अभियंता व लिपिक को राहत
शिक्षा विभाग रोस्टर जारी कर स्कूलों का निरीक्षण कराती है. अबतक विभागीय लिपिक और कनीय अभियंता भी निरीक्षण करते थे, पर अब इन्हें मुक्ति मिल गई है. गौरतलब है कि जिला के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का रोस्टर बनाकर प्रति सप्ताह कम से कम एक बार निरीक्षण कराने निर्देश है. विभाग ने शिक्षा विभाग के लिपिकीय संवर्ग अथवा किसी कनीय अभियंता को विद्यालय निरीक्षण के कार्य से अविलंब मुक्त करने को कहा है. साथ ही कहा है कि डीएम/डीडीसी अपने जिला में पदस्थापित किसी भी विभाग के पर्यवेक्षकीय संवर्ग के पदाधिकारी को विद्यालयों के निरीक्षण के लिए प्रतिनियुक्त कर सकते है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है