मांगों के समर्थन में बैंक ऑफ इंडिया बना रही आंदोलन की रूपरेखा
रविवार को सीतामढ़ी और शिवहर में होने वाले बैठक का संचालन कॉमरेड प्रियरंजन ने किया.
सीतामढ़ी. देशभर के राष्ट्रीयकृत बैंक विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बैंक ऑफ़ इंडिया फेडरेशन और एइबीईए के दिशा निर्देशानुसार आने वाले दिनों में होने वाले आंदोलन की कार्यक्रम की तैयारी बैंक ऑफ़ इंडिया एम्पलाई यूनियन बिहार स्टेट कर रही है. रविवार को सीतामढ़ी और शिवहर में होने वाले बैठक का संचालन कॉमरेड प्रियरंजन ने किया.
उत्पन्न हो रही आर्थिक असामानता की खाई
महासचिव प्रफुल्ल कुमार ने कहा उद्योगपतियों का लोन की माफी की जा रही है. हेयर कट करके बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. जिससे देशवासिओं में आर्थिक असमानताओं की खाई उत्पन्न होती जा रही है. एनपीए लोन की बढ़ोतरी सभी राष्ट्रकृत बैंकों में देखी जा रही है. सरकार इसकी रिकवरी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. द्विपक्षीय समझौता को पूर्ण तरह से लागू करवाने में हो रही देरी के लिए आंदोलन जरुरी है. कहा कि हमारी देश की अर्थव्यवस्था, जनसंख्या व बेरोजगारी बढ़ रही है. लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं व स्टॉफ की संख्या लगातार कम हो रही है.क्लर्क व स्टॉफ की संख्या दो लाख कम हुई
2013 में राष्ट्रकृत बैंकों में क्लर्कों की संख्या 3 लाख 98 हजार और सब स्टॉफ की संख्या 1लाख 50 हजार था. लेकिन 2025 में क्लर्क की संख्या घट कर 2 लाख 46 हजार और सब स्टॉफ की संख्या घट कर 95 हजार हो गया है. यानी इन 12 साल में क्लर्क और सब स्टॉफ की संख्या 2 लाख कम हो गई है. जिस देश की नागरिकों के कामों में परेशानियां शुरू हो रही है. सरकार अभी तीन लाख बहाली कर इस कमी को पूरा करें, नहीं तो 17 फरवरी को बैंक ऑफ़ इंडिया के हेड ऑफिस में पूरे देश से आकर कर्मचारी महाधरना देगी. इसी प्रकार 24 व 25 फरवरी को दो दिवसीय हड़ताल होगी. बैंकों में पांच दिवसीय कार्य प्रणाली लागू हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है