सीतामढ़ी. गांधी, लोहिया, जयप्रकाश पखवाड़ा के अंतर्गत नागरिक मंच व गांधी अध्ययन चक्र के तत्वावधान में बुधवार को नगर के लोहिया आश्रम में सामाजिक ””””परिवर्तन की दिशा”””” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता नागेंद्र प्रसाद सिंह ने की. श्री सिंह ने कहा कि विश्व के पैमाने पर गांधी का व्यक्तित्व इतना बड़ा हो चुका है कि उन्हें नकारना नामुमकिन है. विश्व के हर कोने में गांधी पूजे जा रहे हैं. परंतु यह दुर्भाग्य की बात है कि आज अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर अपने ही देश में हिंसात्मक कार्रवाई रुकती नहीं दिख रही है. डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा ने कहा कि विश्व के 110 देशों में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है, जहां उनके मानने वाले बड़े तादाद में हुआ करते हैं. डॉ शशि रंजन ने कहा कि युद्ध एवं आतंकवाद की किसी भी घटना के बाद वैश्विक स्तर पर गांधी प्रासंगिक हो उठते हैं. डॉ रामाशंकर प्रसाद एवं प्रो अमर सिंह ने कहा कि उनके बताए रास्ते पर चलकर ही एक विकसित एवं समावेशी समाज की कल्पना की जा सकती है. राम किशोर सिंह चकवा के बज्जिका गीत प्रस्तुत किया. सुरेंद्र हाथी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इसके पूर्व गांधी चौक पर स्थित गांधी प्रतिमा पर सबों ने फूल माला चढ़ाया और ”रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम राजाराम” भजन गया गया. मौके पर अरुण गोप, रमेश कुमार, गौरीशंकर शास्त्री, शंकर बैठा, राम प्यारे साह, राजन प्रसाद, रामश्रेष्ठ सिंह, अंजनी कुमार ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये.
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