सीतामढ़ी/सुप्पी. जिले के सुप्पी थाना पुलिस के समक्ष बुधवार की सुबह अजीबोगरीब मामला सामने आया है. पुलिस रिकार्ड में मृत घोषित ढेंग गांव निवासी भगत मांझी जीवित निकला. दरअसल चार दिनों पूर्व ढेंग गांव में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में हुई मारपीट में बुरी तरह घायल भगत मांझी के परिजनों ने उसके एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में इलाज के दौरान चिकित्सकों के द्वारा मृत घोषित किये जाने का बयान पुलिस के समक्ष रिकार्ड कराया था. पुलिस भी उसे मृत मानकर अनुसंधान में जुटी थी, लेकिन मंगलवार की रात भगत मांझी घर पहुंच गया. यह देखकर ग्रामीण चौंक पड़े. इधर, सूचना मिलने पर सदर एसडीपीओ-1 रामकृष्णा व थानाध्यक्ष विष्णुदेव कुमार पहुंचकर भगत मांझी को तत्काल हिरासत में ले लिया. उससे मामले में पूछताछ की जा रही है. भगत मांझी ने बताया कि मारपीट में वह घायल होकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ससौला में भर्ती हुआ था. वहां से सीतामढ़ी सदर अस्पताल, फिर एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया. उपचार के बाद वह मंगलवार को ट्रेन से घर पहुंच गया. एसडीपीओ ने बताया कि भगत मांझी को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है. तत्काल उसे पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है. उसके परिजनों द्वारा रिकॉर्ड बयान में यह बताया गया था कि मुजफ्फरपुर में इलाज के दौरान चिकित्सक द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है. परिजन के बयान के आधार पर प्रथमदृष्टया सत्य मानते हुए उसे मृत मान लिया गया. लेकिन अग्रिम अनुसंधान में पता चला कि भगत मांझी जीवित है. परिजनों द्वारा अनुसंधान की दिशा भटकाने के लिए ऐसी भ्रामक खबरें फैलायी गयी. दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में एक गुट के तलेवर सहनी की मृत्यु हुई है. इस घटना में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस से कोई लेना देना नहीं है. यह दोनों गुट के पूर्व का आपसी विवाद था, जिसमें झड़प हुई. उधर, मृतक तलेवर सहनी की पत्नी पार्वती देवी के आवेदन पर दर्ज मामले के आलोक में ढेंग निवासी दहाऊर मांझी व विक्रम राम को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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