Loading election data...

Bihar Flood: बिहार में हाहाकार, दो और बैराज से छोड़ा गया पानी, बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी

Bihar Flood: वीरपुर और वाल्मीकिनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई है.

By Paritosh Shahi | September 29, 2024 4:31 PM
an image

Bihar Flood: बिहार के वीरपुर और वाल्मीकिनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी जिले के बेलसंड के अंतर्गत मधकौल गांव में बागमती नदी का तटबंध रविवार को टूट गया, जिसकी मरम्मत की जा रही है. सीतामढ़ी के जिलाधिकारी (DM) रिची पांडे ने संवाददाताओं को बताया, “इस घटना के मद्देनजर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और मरम्मत का काम जारी है…अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.”

स्थिति हो सकती है ख़राब

वीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गोपालपुर के निकट कोसी पूर्वी तटबंध में कल रात रिसाव की भी सूचना मिली, जिसे जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अभियंताओं ने दुरुस्त कर दिया. कोसी नदी पर बने वीरपुर बैराज से सुबह पांच बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 वर्षों में सबसे अधिक है. राज्य जल संसाधन विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था. इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के कारण जलजमाव से प्रभावित हैं.

इसी तरह गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से शनिवार रात 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद यह इस बैराज से छोड़ा गया सबसे अधिक पानी है. एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है.

क्या बोले जल संसाधन मंत्री

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार को कहा, “जल संसाधन विभाग की टीमें तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं, ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके. विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यपालक अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनिष्ठ अभियंता चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और उन्हें हमेशा सतर्क रहने को कहा गया है। घबराने की कोई बात नहीं है.”

मंत्री ने कहा, “पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा, बागमती और गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं.” अधिकारियों ने बताया कि इन दो बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में घुस गया है.”

IMD का अलर्ट जारी

बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है. पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है.

विभाग ने कहा, “इन जिलों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा है.” राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों के प्रशासन को अलर्ट रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाने को कहा है. अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.

इसे भी पढ़ें: Bihar Flood: बिहार में मौसम की दोहरी मार, 7 नदियां उफान पर, IMD ने भी जारी किया अलर्ट

Ration Card पर आया बड़ा अपडेट, जानें कार्ड बनवाने के लिए कहां जमा करें आवेदन

Exit mobile version