Bihar Land Survey: सीतामढ़ी. डीएम रिची पांडेय की सख्ती के बाद अब डीसीएलआर सदर भी दाखिल-खारिज के लंबित केस को लेकर गंभीर हो गए है. लंबित मामलों की संख्या अधिक होने व निबटाने की गति धीमी होने के कारण अंचल से जिला स्तर के अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. इस बीच, डीसीएलआर सदर ने अपने अधीन के सभी सीओ को दाखिल-खारिज के केस को तेजी से निबटाने का आदेश दिया है. डीएम के कड़े रूख के बाद डीसीएलआर द्वारा भी अब कोई नरमी नहीं बरती जा रही है.
डीएम ने व्यक्त की थी नाराजगी
गत दिन डीसीएलआर सदर कार्यालय के निरीक्षण के दौरान परिमार्जन एवं दाखिल खारिज के अपील वाद से संबंधित अधिक मामले लंबित रहने पर डीएम रिची पांडेय ने नाराजगी व्यक्त की थी और लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी लाने को कहा था. साथ ही नियमित कोर्ट कर अधिक से अधिक मामलों को निबटाने का निर्देश दिया था. इस दौरान वैसे राजस्व कर्मचारियों की पहचान कर कार्रवाई की अनुशंसा करने को कहा गया था, जिनके द्वारा अधिक मामले रिजेक्ट किए गए हो. डीएम के उक्त निर्देशों के आलोक में डीसीएलआर सदर द्वारा ठोस कदम उठाया गया है. इसी के तहत सभी सीओ को दाखिल खारिज के मामले को तेजी से निबटाने के निर्देश दिए गए है.
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सीओ के लॉग ईन में काफी मामले लंबित
डीसीएलआर सदर द्वारा समीक्षा में पाया गया है कि आम-खास की समयावधि पूर्ण होने के बाद भी सीओ के लॉग ईन में बड़ी सख्या में दाखिल-खारिज के केस लंबित है. डीसीएलआर का मानना है कि इसी लंबित आवेदनों के चलते राज्य स्तर पर जिला की रैंकिंग प्रभावित होती है. उन्होंने अपने अधीन वाले सभी सीओ को कहा है कि विभागीय नियमानुसार आम-खास की समयावधि पूर्ण होने पर अपने लॉग ईन में किसी भी परिस्थिति में दाखिल-खारिज वादों को लंबित नहीं रखें. औचक निरीक्षण में ऐसे मामले सामने आने पर डीएम से कार्रवाई की अनुशंसा कर दी जायेगी.