Bihar News: सीतामढ़ी के पुनौराधाम मंदिर के आस-पास बेहतर पर्यटक स्थल, 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
Bihar News: सीतामढ़ी पुनौराधाम मंदिर के आस-पास पर्यटक स्थल सुविधाओं के विकास एवं आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होगा.
Bihar News: पटना. सीतामढ़ी के पुनौराधाम मंदिर के आस-पास बेहतर पर्यटक स्थल बनाया जाएगा. पर्यटक स्थल पर सुविधाओं के विकास एवं आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्य मंत्री परिषद से भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति मिलने के बाद पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन सीतामढ़ी के साथ भूमि अधिग्रहण के लिए कार्यशील है. सोमवार को पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने निदेशक पर्यटन विनय कुमार राय, प्रबंध निदेशक, राज्य पर्यटन विकास निगम नंद किशोर व जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी रिची पांडेय के साथ स्थल निरीक्षण किया. इस दौरान मंदिर के समीप 50 एकड़ भूमि को अधिग्रहण के लिए चिह्नित करते हुए जिला भू अर्जन पदाधिकारी को इस दिशा में कार्रवाई शुरू करने के निदेश दिए.
50 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
वर्तमान में रामायण परिपथ के अन्तर्गत अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटको का निश्चित रूप से जानकी की जन्म भूमि की दर्शन के लिए पुनौराधाम आगमन होता है. अयोध्या से पुनौराधाम जोड़ने के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण राष्ट्रीय राज्यमार्ग का भी निर्माण हो रहा है. रामायण परिपथ के अन्तर्गत उच्च गुणवत्तापूर्ण सड़के और आवागमन की सुविधा बेहतर होने के चलते पुनौराधाम में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों का अत्यधिक प्रवाह होगा. इनके सुविधा के लिए कई पर्यटकीय आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराया जाना अतिआवश्यक है. इस कार्य के निमित पुनौराधाम के आस-पास 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए मंत्री परिषद् द्वारा मार्च में सैद्धान्ति स्वीकृति प्रदान की गयी थी.
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी
पुनौराधाम आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्वारा पुनौराधाम मंदिर के विकास हेतु प्राक्कलित राशि 72.47 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी है. इस योजना के तहत परिक्रमा पथ, सीता वाटिका, लव-कुश वाटिका, जानकी महोत्सव क्षेत्र का विकास, सुंदर वास्तुशिल्प से सुसज्जित दीवारें, पार्किंग और अन्य पर्यटकीय सुविधाओं का विकास वर्तमान में किया जा रहा है, इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी एवं सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी. इसके साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं व्यापार की संभावनाएं भी सृजित होगी.