सीतामढ़ी : समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गुरुवार को डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने जिला मत्स्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया.
समीक्षा के क्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि सीतामढ़ी, जिला अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 163 मत्स्य पालक को राज्य के बाहर एवं राज्य के अंदर प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही 220 मत्स्य पालकों को मत्स्य क्रेडिट कार्ड हेतु बैंक को अग्रसारित किया गया. वर्ष 2019-20 में तालाब मत्स्य का विकास/ जीर्णोद्धार योजना अंतर्गत तालाब मात्स्यिकी हेतु उन्नत इनपुट की योजना हेतु कुल 54 एकड़ लक्ष्य के विरुद्ध 16.09 लाख अनुदान वितरण किया गया और मत्स्य बीज उत्पादन योजना अन्तर्गत 10.5 एकड़ लक्ष्य के विरुद्ध 5.88 लाख अनुदान वितरण किया गया.
लाभान्वितों को मिल रहा योजना का लाभ. मछली सह मुर्गी की योजना अंतर्गत कुल 03 लाभुकों को 2.40 लाख रुपए अनुदान भुगतान किया गया. अनुसूचित जाति को 90 प्रतिशत अनुदान पर कुल 05 मोपेड सह आइस बॉक्स, 04 थ्री व्हीलर वाहन व 03 फोर व्हीलर वाहन वितरण किया गया. 90 प्रतिशत अनुदान पर उन्नत इनपुट में कुल 5.50 एकड़ में 2.97 लाख अनुदान वितरण किया गया. वर्ष 2019-20 में अति पिछड़े जाति को 90 प्रतिशत अनुदान पर कुल 05 मोपेड सह आइस बॉक्स, 03-थ्री व्हीलर और 03- फोर व्हीलर वाहन वितरण किया गया. साथ ही 90 प्रतिशत अनुदान पर बोरिंग और पंपसेट अधिष्ठापन में कुल 04 लाभुकों को 2.70लाख राशि और तालाब निर्माण हेतु 04 लाभुकों को 11.50 लाख रुपये अनुदान भुगतान किया गया.
बायोफ्लॉक विधि से मत्स्य उत्पादन हेतु कुल 06लाभुकों को 17.21 लाख रुपए अनुदान दिया गया है. साथ ही जिले में 100 मच्छवा आवास निर्माण हेतु लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में 72.00 लाख रुपए अनुदान निर्गत की गई. उन्होंने बताया कि डुमरा अंचल के राघोपुर बखरी मत्स्य बीज प्रक्षेत्र में लगभग 30 एकड़ की भूमि पर प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना 2020 के तहत ब्रूड बैंक प्रक्षेत्र के विकास के लिए 5 करोड़ रुपए राशि की योजना प्रस्ताव अनुमोदन की अंतिम प्रक्रिया में हैं.
डीएम ने निर्देश दिया कि मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ समय पात्र लाभुकों को मिले, इसे हर हाल में सुनिश्चित करें. उन्होंने डुमरा अंचल के राघोपुर बखरी सहित अन्य तालाबों में नीचे मछली ऊपर बिजली योजना क्रियान्वित करने को लेकर प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया. गौरतलब हो कि जिले में नीचे मछली ऊपर बिजली योजना अंतर्गत जहां मछली का उत्पादन बढ़ेगा, वहीं सौर ऊर्जा से बिजली भी पैदा होगी. बताया गया कि 7 एकड़ के तलाब में लगभग एक मेगावाट बिजली उत्पन्न हो सकती है. डीएम ने योजनाओं का लाभ हर हाल में जरूरतमंद पात्र लोगों तक ससमय पहुंचाने का निर्देश दिया.
posted by ashish jha