Sitamarhi News : जिले में अब उन सरकारी सेवकों (कर्मियों) की अब खैर नहीं, जो अपने भ्रष्ट आचरण व कार्यशैली से संपत्ति अर्जित किए हुए है अथवा कर रहे है. ऐसे कर्मियों के संपत्ति व उनकी पूरी कारगुजारी की जांच में अब विलंब नही होगा. दरअसल, सरकार के निर्देश पर भ्रष्टाचार में आरोपित कर्मियों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए डीएम रिची पांडेय ने जिला स्तर पर एक निगरानी कोषांग का गठन किया है.
Sitamarhi News : पहले दब जाते थे मामले
पूर्व में अगर किसी कर्मी के खिलाफ भ्रष्टाचार अथवा पद के दुरुपयोग के आरोप लगते थे, तो कई मामले फाइलों में ही दब जाते थे. अब भी एक नही, बल्कि कई सरकारी सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की फाइलें संबंधित कार्यालयों में दबी हुई है. वैसे अब सरकार ऐसे मामलों की जांच के लिए मुकम्मल उपाय कर ली है. अब अगर कोई व्यक्ति निगरानी विभाग को आवेदन देकर किसी सरकारी कर्मी के विरूद्ध कोई आरोप लगाता है, तो निगरानी विभाग खुद जांच कर सकती है या जिला स्तर पर गठित कोषांग को जांच का जिम्मा सौंप सकती है. यानी मामले के दबने की कम गूंजाईस रहेगी.
Sitamarhi News : निगरानी कोषांग में शामिल अधिकारी
बताया गया है कि निगरानी विभाग के संयुक्त सचिव के स्तर से 13 जून 24 को निर्गत पत्र के आलोक में डीएम द्वारा जिलास्तरीय निगरानी कोषांग का गठन किया गया है, जिसमें एडीएम व डीएसपी, मुख्यालय शामिल किए गए है. ये दोनों पदाधिकारी ही भ्रष्टाचार के मामले की जांच करेंगे. डीएम ने दोनों अधिकारियों को मुख्य सचिव के स्तर से 19 सितंबर 14 को निर्गत पत्र के आलोक में जांच करने और रिपोर्ट उपलब्ध करने का निर्देश दिया है. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि फिलहाल कोषांग को दो कर्मियों के खिलाफ जांच का जिम्मा मिला है, जिसमें एक कर्मी एक तकनीकी विभाग के है.
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