रुन्नीसैदपुर. प्रखंड क्षेत्र के तिलकताजपुर पंचायत के भरथी गांव के लोग बाढ़ की आशंका से दहशत में हैं. बागमती तटबंध के अंदर बसे भरथी गांव के लोगों को बाढ़ के समय काफी परेशानी होती है. प्रति वर्ष करीब चार लाख क्यूसेक पानी का दबाव झेलना यहां के लोगों की नियति बन चुकी है. बागमती तटबंध के निर्माण के करीब चार दशक से अधिक पूरा होने के बावजूद इस गांव के लोगों को पुनर्वासित नहीं किया गया है. परिणाम स्वरूप यह गांव अब भी बागमती तटबंध के अंदर बसा हुआ है. बाढ़ की समाप्ति के पश्चात बागमती नदी की मुख्य धारा पर यहां के ग्रामीण जन सहयोग से चचरी पुल का निर्माण करते आ रहे हैं. इस वर्ष भी विगत जनवरी माह में बागमती नदी पर चचरी पुल का निर्माण कराया गया था. ग्रामीण उसी चचरी पुल के सहारे नदी पार कर तटबंध पर आते थे. ग्रामीण व समाजसेवी दिग्विजय सिंह बताते हैं कि उक्त चचरी पुल के निर्माण में करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुआ था. बुधवार की रात बागमती नदी के जलस्तर में आये उफान के कारण यह चचरी पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. अब यहां के लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन नाव बचा है. ग्रामीण बजरंगी सिंह, घनश्याम सिंह, रणधीर सिंह व रामनारायण सिंह ने बताया कि यहां के लोग प्रतिवर्ष बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से जल प्रलय झेलने को विवश हैं. इस बार भी बाढ़ आने की आशंका से दहशत में हैं.
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