बॉर्डर पर युवक की संदेहास्पद मौत से बवाल
थाना के मजकोठवा निवासी अरविंद सिंह के 17 वर्षीय पुत्र आर्यन कुमार की संदेहास्पद मौत के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया.
मेजरगंज. थाना के मजकोठवा निवासी अरविंद सिंह के 17 वर्षीय पुत्र आर्यन कुमार की संदेहास्पद मौत के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया. कुछ शरारती तत्वों को रोड़ेबाजी करते देख पुलिस ने हल्का प्रयोग करते हुए उन्हें खदेड़ दिया. विधि-व्यस्था खराब होने की सूचना पर सदर एसडीओ संजीव कुमार व सदर डीएसपी रामकृष्णा समेत तीन थाना की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर कुछ स्थानीय बुद्धिजीवियों व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से भीड़ का समझा कर माहौल को शांत कराया. पुलिस प्रशासन ने परिजनों को आश्वासन दिया कि उनके आरोप की जांच की जायेगी.मृतक के पिता अरविंद सिंह ने बताया कि सोमवार की शाम करीब 8 बजे उसका पुत्र आर्यन अपने नेपाल स्थित दुकान से लौट रहा था. रास्ते में पुलिस की गाड़ी ने उसे रोकर बाइक की कागजात मांगने के साथ तलाशी ली. ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर ढाई हजार रुपया रिश्वत की मांग करते हुए आर्यन से जबरन एक हजार रुपया ले लिया. आर्यन ने यह जानकारी मोबाइल से अपनी मां को दी. मां से यह जानकारी पिता अरविंद सिंह को मिली. अरविंद सिंह ने अपने पुत्र आर्यन को पुलिस से आग्रह कर रूपया वापस लेने को कहा. करीब आधे घंटे के बाद लगातार फोन रिसीव नहीं करने पर आर्यन को तलाश करने उसके पिता निकले.आर्यन बहेरा बांध के समीप निर्माणाधीन सड़क के किनारे अर्धबेहोशी की अवस्था में गिरकर कराह रहा था. पुत्र को कराहते देख बदहवास होकर आर्यन को लेकर मेजरगंज के एक निजी अस्पताल पहुंचे. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सीतामढ़ी शहर स्थित नवजीवन अस्पताल में ले जाया गया. उसकी स्थिति बिगड़ती देख वहां से भी रेफर कर दिया गया. पटना रुबन अस्पताल में चिकित्सकों ने जांच के बाद आर्यन को मृत करार दिया. अरविंद सिंह का आरोप है कि पुलिस की बेरहमी से पिटाई से आर्यन की मौत हुई है.आर्यन के मौत की खबर मंगलवार की सुबह इलाके में आग की तरह फैल गई. देखते ही देखते प्रखंड के कई गांव के लोगों की भीड़ ने थाना को घेर लिया. सैकड़ों स्थानीय एवं ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी व टायर जलाकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. कुछ शरारती तत्व रोड़ेबाजी करने लगे. जिस पर पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के आदेश पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. इस दौरान सूचना के आलोक में सदर एसडीओ, सदर डीएसपी, रीगा, सुप्पी व सहियारा थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर बल प्रयोग कर लोगो की भीड़ को तीतर-बीतर कर दिया. आक्रोशित भीड़ को सदर एसडीओ संजीव कुमार, डीएसपी राम कृष्णा, बीडीओ चंदन कुमार, सीओ विनीता, मुखिया राघवेंद्र कुमार सिंह, राजू स्वर्णकार, चन्दन प्रताप व लाल बाबू सिंह समेत कई सामाजिक गणमान्य लोगों ने समझा बुझा कर लोगों को शांत कराया. बाद में शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया. बोले अधिकारी
सोमवार की रात आर्यन नेपाल की ओर से निर्माणाधीन बॉर्डर रोड की तरफ आ रहे थे. इस दौरान दुर्घटना हुई है. तरह-तरह की बातें उभर कर सामने आ रही थी. सभी बिंदुओं पर जांच करने के बाद प्रथम दृष्टया कहा जा सकता है कि दुर्घटना के कारण आर्यन की मौत हुई है. परिजनों के द्वारा कही जा रही बातों की भी गहन छानबीन की जायेगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हीं कुछ निर्णय लिया जा सकता है.रामकृष्णा, सदर डीएसपी
–सबों का चहेता था आर्यन
मेजरगंज. आर्यन, अरविन्द सिंह का छोटा पुत्र था. वह इंटरमीडिएट फाइनल ईयर में था. बड़ा भाई अंकित स्नातक की पढ़ाई कर रहा है. मां ममता देवी बार-बार बेहोश हो जाती है. वही बूढी दादी संझा देवी अपने पोता की मौत से स्तब्ध है. रो-रो कर उसकी आंखें पथरा गई है. वह लोगों से कहती हैं एक बार हमारा पोता से मिलवा दा कह कर रोने लगती है. दादा गंगा प्रसाद सिंह बेसुध है. मृतक का बड़ा भाई अंकित, चाचा सुधीर एवं घर के सभी लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है. आर्यन सभी का चहेता था. मां ममता देवी होश आते ही अब अपने पुत्र को खोजने लगती है तथा बोलती है कि पुलिसवा हमार बेटा के मार देलक हो दईब. पूरे दिन मुख्यालय बाजार बंद रहा. हालांकि डीएसपी और एसडीओ द्वारा बाजार खोलवाने का प्रयास भी किया गया. दुकानदारों से दुकान खोलने की अपील भी की गई, परंतु दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकाने बंद रखी. समाचार लिखे जाने तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है