श्री जानकी के जीवन चरित्र का किया वर्णन
डुमरा प्रखंड के हरि छपरा स्थित श्री सीताराम नाम सुखधाम आश्रम श्री मुठिया बाबा की कुटिया में आयोजित नौ दिवसीय श्री सीताराम नाम रूप लीला धाम
सीतामढ़ी. डुमरा प्रखंड के हरि छपरा स्थित श्री सीताराम नाम सुखधाम आश्रम श्री मुठिया बाबा की कुटिया में आयोजित नौ दिवसीय श्री सीताराम नाम रूप लीला धाम महायज्ञ के चौथे दिन दिव्य संगीतमय श्री भक्तमाल कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. कथा के छठे दिन श्री जानकी जी के जीवन चरित्र का वर्णन किया गया. ध्यान मूलं गुरु रूपं पूजा मूलं गुरु पदम मंत्र मूलं गुरु शब्द मोक्ष मूलं सद्गुरु कृपा भक्तमाल मंत्रोचार एवं आरती के साथ संगीत कथा का शुभारंभ करते हुए लुधियाना पंजाब से पधारे भैया श्री पुनित जी महाराज भक्तमाली ने कहा कि भक्ति मार्ग में माला में चार वस्तुएं मुख्य होती हैं, मणियां, सूत्र, सुमेरु और फुदना. वैसे ही भक्तमाल में भक्तजन मणि हैं और भक्ति सूत्र है, जिसमें मणियां पिरोयी जाती हैं. माला के ऊपर जो सुमेरु होता है, वह श्री सदगुरुदेव हैं और सुमेरू का जो गांठ रूपी गुच्छा है, वह हमारे श्री भगवान हैं. बताया गया कि अयोध्या, वृंदावन, चित्रकूट, जनकपुर आदि क्षेत्रों से संत-भक्तों का समागम हुआ है.
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