शिवहर: शुक्रवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाबा भुवनेश्वर नाथ देकुली धाम मंदिर में महादेव को जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.जहां कतारबद्ध होकर गर्भगृह में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव के जयघोष के साथ महादेव को दुध, मधु और गंगा जल से अभिषेक कर विधिवत पूजा अर्चना की. तथा बाबा को फूलों और बेलपत्रों से श्रृंगार किया गया. वहीं अक्षय तृतीया को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शिव की विशेष पूजन कर जलाभिषेक किया.इस दौरान पंडित वेदप्रकाश शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन नर और नारायण ने अवतार लिये थे.इसी दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था.इसलिए इसे परशुराम जंयती के रूप में भी मनाया जाता है.ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा का भी जन्म हुआ था.इसलिए इस दिन किसान अपने अनाज की पूजा करना बहुत ही शुभ मानते है.तथा भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन पांडवों को अक्षय पात्र भेंट किए थे.ये पात्र कभी खाली नहीं रहता है.इसलिए वनवास के दौरान पांडवों को अन्न की प्राप्ति होती रहती थी. श्रीशास्त्री ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान शंकर ने कुबेर महाराज जी को देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए कहा था. इसलिए आज के दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. जिससे भक्तों के घर परिवार और समाज में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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