लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन ध्वस्त

प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी छोर पर स्थित पूर्वी चंपारण को अलग करने वाली लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन नदी में आयी उफान

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2024 9:18 PM

बैरगनिया. प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी छोर पर स्थित पूर्वी चंपारण को अलग करने वाली लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन नदी में आयी उफान से तेज बहाव के कारण ध्वस्त हो गया है. डायवर्सन के माध्यम से हो रहे आवागमन पूरी तरह से रुक गया है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में रुक रुक कर लगातार हो रही बारिश के कारण लालबकेया नदी में आयी उफान व तेज बहाव से गुरुवार की दोपहर में फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन ध्वस्त हो गया है. डायवर्सन के ध्वस्त होने से वाहनों सहित पैदल यात्रियों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. इधर, फुलवरिया घाट पर निर्माणाधीन सड़क पुल के पश्चिम एप्रोच रोड़ अभी तक नहीं बन पाया है, फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर निर्माणाधीन पुल होकर ही पैदल व बाइक से आना जाना शुरू कर दिये हैं. पूर्वी चंपारण सहित बैरगनिया के पश्चिमी तरफ से आने वाले यात्री व बाइक सवार, बाइक को धक्का देकर पुल पर चढ़ा रहे हैं, फिर अपने गंतव्य को जा रहे हैं. पिछले तीन दिनों से मिट्टी तथा कीचड़ भरे जाने के कारण बस, ट्रक, जीप सहित अन्य बड़े वाहनों का फुलवरिया घाट डायवर्सन से आवागमन पत्री तरह बंद हो गया है. नेपाल के तराई क्षेत्र व भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण डायवर्सन से लेकर बैरगनिया इंडो-नेपाल सड़क तक पहुंचने में चारों तरफ कीचड़ भर जाने से पूर्वी चंपारण व बैरगनिया के बीच वाहनों का परिचालन बैरगनिया प्रखंड से जमुआ घाट पर बने सड़क पुल होकर सपही, भंडार गांव होते हुए भंडार चौक तथा वहां से ढाका, पताही, मधुबन, मोतिहारी सहित पूर्वी चंपारण ही नहीं, बिहार के विभिन्न शहरों में लोग आ- जा रहे हैं. जमुआ घाट सड़क पुल होकर यात्रा करने में 10 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी होती है. इसलिए ही लोग फुलवरिया घाट होकर आना जाना ज्यादा उपयुक्त समझते हैं. ढाका विधायक पवन जायसवाल ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में फुलवरिया घाट सड़क पुल के पश्चिमी एप्रोच को बाइक, पैदल यात्रियों को चले लायक बनाने की कोशिश की जाएगी, ताकि लोगों को आवागमन में असुविधा नहीं हो. साथ ही घाट पर नाव को चलाने की जरूरत ही नहीं पड़े. बहरहाल डायवर्सन ध्वस्त होने से लोग पुल होकर जान जोखिम में डालकर अपनी यात्रा पूरा करने को विवश है.

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