सीतामढ़ी.
कला -संगम, पं चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को भूपभैरो, कांटा चौक स्थित सभागार में सम्मान समारोह सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. डीआरडीए के लेखा पदाधिकारी प्रियरंजन राय के संयोजकत्व व जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष चंद्र राजकुमार की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ. संचालन गीतकार गीतेश ने किया. सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भवन निर्माण के अपर सचिव सह बापू टावर, पटना के निदेशक विनय कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में विशेष कार्य पदाधिकारी ललित कुमार सिंह मौजूद थे। संस्थान द्वारा दोनों अतिथियों को अंग-वस्त्र, पुष्प-गुच्छ एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया गया.साहित्य के बगैर जिंदगी में लालित्य नहीं
मौके पर अपर सचिव कुमार ने कहा कि साहित्य के बगैर जिंदगी में लालित्य नहीं है. उन्होंने जनवरी- 25 में होनेवाले ””””सीतामढ़ी लिटरेचर फेस्टिवल”””” की रुपरेखा पर विस्तृत चर्चा की. वहीं, ललित कुमार सिंह ने कहा कि सीतामढ़ी से उनका अटूट रिश्ता है. यहां होनेवाली साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में वे सम्मिलित होते रहेंगे. अन्य वक्ताओं ने भी लिटरेचर फेस्टिवल के साथ-साथ अन्य साहित्यिक कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला तथा लिटरेचर फेस्टिवल को यादगार बनाने पर बल दिया. वक्ताओं में शिक्षाविद् डॉ. रामा शंकर सिंह, डीसीएलआर पुरेंद्र कुमार, डॉ. सुनील सुमन, समाजसेवी रेणु सिंह कुशवाहा, राम सागर ठाकुर, हृषिकेश कुमार, प्रियरंजन राय, सुभाष चंद्र राजकुमार मुख्य थे.जिंदगी में मत फासला कीजिए…
द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ””””वक्त के कैनवास पर कुछ खास लिखते हैं, आओ मिलकर एक नया इतिहास लिखते हैं”””” से हुआ. युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य की कविता ”””” पावन माटी है सीता की चूम लो इसको, इस धरा के अलग पैगाम होते हैं ”””” ने माहौल को जवां बना दिया. उर्दू शायर मो. कमरुद्दीन नदाफ की गज़ल ””””जिंदगी में मत फासला कीजिए, हो सके तो मुहब्बत का सिलसिला कीजिए ”””” एवं युवा कवि अर्णव आर्या की कविता ””””वो दिन याद है जब हम पहली बार स्कूल गये, बस्ता में एक कॉपी और आंखों में लेकर आंसू का सैलाब गये”””” ने श्रोताओं की भरपूर वाहवाही बटोरी.
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