सुरसंड. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा के चलते श्रीखंडी भिट्ठा गांव से होकर बहनेवाली रातो नदी सोमवार की दोपहर बाद अचानक उफना गयी. रातो नदी के उफनने से वार्ड संख्या पांच में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. उक्त वार्ड में जानेवाली एकमात्र पीसीसी सड़क भी बाढ़ के पानी डूब गया है. लोगों को रोजमर्रा की सामान खरीदारी करने के लिए चौक चौराहों पर जाना भी मुश्किल हो गया है. प्रत्येक वर्ष रातो नदी का कहर झेल चुके अनुसूचित व पिछड़ी जाति के करीब पांच सौ परिवारों को घर में बाढ़ का पानी घुसने का भय सताने लगा है. लोग ऊंचे व सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं. बाढ़ सूचक यंत्र के केयर टेकर रंजीत कुमार झा ने बताया कि रातो नदी का जलस्तर 230 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से मात्र 20 सेंटीमीटर नीचे है. बताया कि खतरे का निशान पार होने के बाद स्थिति भयावह हो जाती है. वार्ड संख्या पांच में रहनेवाले परिवारों को घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. हालांकि जलस्तर में वृद्धि जारी था. इधर, मुखिया प्रतिनिधि राम विवेकी साह ने बताया कि वार्ड संख्या पांच को बाढ़ से बचाने के लिए बागमती प्रमंडल द्वारा बनाया जा रहा तटबंध नकारा साबित हो रहा है. जहां तटबंध की आवश्यकता है, वहां पर कुछ भी काम नहीं हो सका है. एनएच 227 से 50 मीटर दक्षिण तक यदि पश्चिमी तटबंध का निर्माण करा दिया जाता तो उक्त वार्ड के लोगों को बाढ़ से छुटकारा मिल गया होता.
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