Child Trafficking : बैरगनिया में नेपाल के चार बाल श्रमिक मुक्त, मानव तस्कर गिरफ्तार

Child Trafficking : टीम के सहयोग से चार नेपाली बच्चों की तस्करी होने से बचाया. एसएसबी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के निरीक्षक सह समन्वयक प्रकाश चंद्र झा के नेतृत्व में टीम ने चार बच्चों को रेस्क्यू किया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 5:54 PM

Child Trafficking : सीतामढ़ी/बैरगनिया. जिले के बैरगनिया बीआइटी चेक पोस्ट पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 20 वीं वाहिनी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बचपन बचाओ आंदोलन की टीम के सहयोग से चार नेपाली बच्चों की तस्करी होने से बचाया. एसएसबी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के निरीक्षक सह समन्वयक प्रकाश चंद्र झा के नेतृत्व में टीम ने चार बच्चों को रेस्क्यू किया. वहीं, मौके से एक मानव तस्कर को पकड़ा. गिरफ्तार तस्कर की पहचान नेपाल के रौतहट जिले के विवेक कुमार जायसवाल (26) के रूप में हुई. रेस्क्यू किए गए सभी बच्चे भी नेपाल के रौतहट जिले के रहनेवाले हैं. मुक्त करवाए गए बच्चों को सीडब्ल्यूसी के आदेश से बाल गृह में आवासित करवाया गया है. नियमानुसार कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी को बैरगनिया थाने को सुपुर्द किया गया है. मामले में बैरगनिया थानाध्यक्ष कुंदन कुमार ने बताया कि एसएसबी के आवेदन पर आरोपी युवक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

Child Trafficking : बच्चों की तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा था

छापेमारी की टीम को पूछताछ में पता चला कि एसएसबी के सहायक उप निरीक्षक सह सदस्य एएचटीयू राजेंद्र सिंह, मुख्य आरक्षी रंजीत कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी शामिल रहे. पूछताछ में गिरफ्तार तस्कर ने बताया कि इन बच्चों की तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा था. मामले में आरोपी के बड़े भाई का दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में कपड़ा की फैक्ट्री है. आरोपी ने सस्ते श्रम की मांग को पूरा करने के लिए नेपाल के रौतहट जिला के इन चार नाबालिग बच्चों को अपने साथ दिल्ली जाने के लिए प्रेरित किया और दैनिक 12 घंटे मजदूरी के बदले तीन हजार रुपये मासिक वेतन का वादा किया. आरोपी ने 12 से 14 वर्ष उम्र के इन बच्चों को उनके गांव से तस्करी की और पूर्वी चंपारण जिला के ढाका बस से आनंद विहार, दिल्ली के लिए बस में चढ़ने के लिए नेपाल के रास्ते बैरगनिया बीआइटी चेक पोस्ट पर सीमा पार किया. जिसके उपरांत टीम ने सफलतापूर्वक बच्चों को मुक्त कराया.

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