सीतामढ़ी. प्रखंडों में आपूर्ति कार्यालयों के संचालन के लिए डीएम रिची पांडेय के स्तर से राशि आवंटित कर दी है. उक्त राशि तीनों एसडीओ को दी गई है. वहां से आपूर्ति कार्यालयों को दी जायेगी. किस प्रखंड आपूर्ति कार्यालय को कितनी राशि मिलेगी, यह पत्र में डीएम द्वारा क्लियर कर दिया है. गौरतलब है कि किसी भी सरकारी कार्यालय को संचालित करने के लिए ए टू जेड खर्च सरकार वहन करती है. कागज का पन्ना भी सरकारी स्तर से ही खरीद होता है. इस बीच, जिले के आधा दर्जन एमओ ने सदर एसडीओ को पत्र भेजकर जेब से स्टेशनरी समेत अन्य सामग्री खरीदने की बात कह कार्यालय व्यय के लिए राशि की मांग की थी. — जेब से खर्च पर डीएम गंभीर. बताया गया है कि जेब से खर्च कर कार्यालय चलाने की बात संज्ञान में आने पर डीएम पांडेय ने इसे काफी गंभीरता से लिया है और आपूर्ति कार्यालयों को राशि आवंटित कर दी है. सदर एसडीओ से राशि की मांग सोनबरसा, रून्नीसैदपुर, बैरगनिया, सुप्पी, मेजरगंज व रीगा के एमओ ने किया था. पत्र में उक्त सभी एमओ ने आपूर्ति कार्यालयों का कैसे संचालन किया जाता है, इसकी सच्चाई बताई थी. जानकारी दी थी कि आपूर्ति कार्यालय में स्टेशनरी का काफी खर्च है. जैसे राशन कार्ड की जांच हेतु रिपोर्ट अपलोड/डाउनलोड करने के लिए प्रिंटर, कार्टेज के अलावा कागज की जरूरत पड़ती है. जिला व अनुमंडल से बराबर आदेश/निर्देश निर्गत किया जाता है, जिसके आलोक में प्रतिवेदन तैयार किया जाता है. न्यायालय/मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुपालन में स्टेशनरी खर्च होता है. दैनिक कार्यों में भी बड़ी मात्रा में स्टेशनरी का उपयोग होता है. एसडीओ ने इस मामले से डीएसओ को अवगत कराया था. — किस आपूर्ति कार्यालय को कितना. अनुमंडल सदर को 4000 रुपये दिया गया है, तो डुमरा, बथनाहा, रून्नीसैदपुर, सोनबरसा, परिहार, रीगा, पुपरी, सुरसंड, बाजपट्टी, नानपुर, बोखड़ा, बेलसंड अनुमंडल कार्यालय को 2500-2500 रूपये, मेजरगंज, बैरगनिया, सुप्पी, चोरौत, बेलसंड व परसौनी आपूर्ति कार्यालय को 2000-2000 रुपये, पुपरी अनुमंडल कार्यालय को 3000 यानी कुल एक लाख रुपये आपूर्ति कार्यालयों को दिए गए है.
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