सीतामढ़ी: जिले में तैनात गृह रक्षा वाहिनी के जवान अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित अंबेडकर स्थल पर धरना दिया. होमगार्ड जवानों की मांग है कि उन्हें पुलिसकर्मियों की तरह वेतन-भत्ता मिले. राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. वक्ताओं ने कहा कि दिन-प्रतिदिन महंगाई में ये जवान आज भी दिहाड़ी मजदूर ही कहलाते हैं. इन्हें प्रतिदिन के हिसाब से महज 734 रुपए मिलते हैं. इस प्रकार महीने का उनका पारिश्रमिक 22 हजार रुपये होता है. इनकी मांग है कि कम से कम चालीस हजार रुपये तनख्वाह होना चाहिए, महंगाई भत्ता के साथ पुलिस के समान सभी सुविधाओं की मांग, बरसों से कर्तव्य पर लगातार रहने के कारण 5 दिन की भत्ता भुगतान के साथ अवकाश, सेवानिवृत्ति के पश्चात देय राशि डेढ़ लाख से बढ़कर 5 लाख करने, अनुग्रह राशि को 4 लाख से बढ़कर 10 लाख, कर्तव्य पर मृत्यु होने के उपरांत अनुकंपा में आठवीं उत्तीर्ण पर ही नियुक्ति किया जाए, कर्तव्य के दौरान बीमार होने या दुर्घटनाग्रस्त होने पर सरकारी खर्च पर इलाज एवं कर्तव्य पर मानते हुए भत्ता का भुगतान, कार्यालय में नल जल शौचालय स्नान घर की व्यवस्था हो, बिहार पुलिस, रेल व बीएमपी समेत अन्य विभागों में आरक्षित 50% पद को होमगार्ड जवानों से भरा जाए, ईपीएफ का लाभ एवं सेवानिवृत्ति भत्ता का भुगतान अविलंब दिया जाए, प्रत्येक वर्ष वर्दी भत्ता, अनुबंध पर नियुक्ति गृहरक्षक को जीवन यापन भत्ता, आश्रितों को अनुकंपा, आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण होमगार्ड कार्यालय के समक्ष करने की व्यवस्था, कल्याण निधि में 60 की जगह 70 काटा जाए तथा 10% संघ कोष में देने समेत अन्य मांगे शामिल हैं. धरना में गृह रक्षा वाहिनी संघ के जिलाध्यक्ष रामेश्वर सिंह, सचिव राम सकल सिंह, उप सचिव अशोक कुमार सिंह, उपाध्यक्ष दिलीप कुमार, इंदल ठाकुर, अवध किशोर सिंह, सत्येंद्र सिंह, राधे राय, आमोद कुमार, गंगा प्रसाद यादव, उमेश प्रसाद यादव, वैद्यनाथ राम, सुनील कुमार पांडेय, शंभू सिंह ,मदन प्रसाद यादव, उपेंद्र राम, विजय कुमार, विशुनदेव सिंह, उदय नारायण झा व घनश्याम प्रसाद समेत दर्जनों होमगार्ड जवान शामिल थे.
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