11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जब ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भड़क गए थे बिहार के ग्रामीण, कर दी 4 अफसरों की हत्या

Independence Day 2024: बिहार के सीतामढ़ी से दर्जन से भी आधिक लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था. 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में धर्मपाल सिंह और महावीर सिंह काफी सक्रिय रहे थे. वैसे ही आंदोलन से जुड़ीं अनेकों रोचक कहानियां है. आज यह कहानी एसडीओ और चार सरकारी सेवकों की हत्या से जुड़ीं है. 

Independence Day 2024: बिहार के सीतामढ़ी से दर्जन से भी आधिक लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था. 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में धर्मपाल सिंह और महावीर सिंह काफी सक्रिय रहे थे. वैसे ही आंदोलन से जुड़ीं अनेकों रोचक कहानियां है. आज यह कहानी एसडीओ और चार सरकारी सेवकों की हत्या से जुड़ीं है. 

1942 लोगों का अंग्रेजों के खिलाफ क्रोध

सीतामढ़ी जिला के बाजपट्टी प्रखंड के वनगांव से दर्जन से अधिक लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था. भारत छोड़ो आंदोलन में वनगांव के धर्मपाल सिंह और महावीर सिंह भी काफी सक्रिय रहे थे. आंदोलन के समय सीतामढ़ी के पुपरी थाना में एक दरोगा अर्जुन सिंह थे , उनका क्षेत्र में आतंक था। दरोगा अर्जुन सिंह का व्यवहार गांव के लोगों के प्रति बहुत अच्छा नहीं था. वो हमेशा लोगों से क्रूरता से ही पेश आते थे.  उनकी अभद्रता और इस व्यवहार से गांव वाले त्रस्त हो चुके थे. वनगांव निवासी रामबाबू सिंह बताया कि वनगांव और अन्य गांव के लोग बदला स्वरूप दरोगा की हत्या का प्लान बना चुके थे. प्लान के तहत 24 अगस्त 1942 को बाजपट्टी चौक पर भीड़ इकट्ठा हुई. इसकी भनक लगने पर सीतामढ़ी के एसडीओ रहे हरदीप नारायण सिंह मौके पर पहुंचे और भीड़ को समझा कर शांत करने का प्रयास किये. वे विफल रहे। कारण कि लोग अपनी जिद पूरा करने पर अड़े थे. भीड़ ने एसडीओ के आलावा इंस्पेक्टर राममूर्ति झा, हवलदार हरदीप नारायण सिंह और सेवापाल दरवेसी सिंह की हत्या कर दी.

Also Read: बिहार के इस शहर में 14 अगस्त की रात में होगा ध्वजारोहण, 1947 से चली आ रही है परंपरा

पुलिस ने गांव पर हमलों बोल दिया

इस घटना के बाद पुलिस वालों ने गांववासियों पर गोलियों की बौछार कर दी. जिससे कई लोग जख्मी हो गए थे. पुलिस के डर से कुछ लोग भाग गए और कुछ लोग पकड़े गए. पकड़े गए में रामफल मंडल भी आरोपित थे जिन्हें बाद में फांसी दी गयी. दूसरे आरोपित काली सिंह के पुत्र प्रदीप सिंह को कालापानी की सजा मिली थी. सजा काटने के दौरान हाई उनकी मौत हो गयी थी. 

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें