पूर्व संभावित बाढ़ व आपदा को लेकर सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश
संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारी शुरू कर दी गयी है. डीएम रिची पांडेय ने शुक्रवार को समाहरणालय में संबंधित विभागों के साथ बैठक कर अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिया.
डुमरा. संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारी शुरू कर दी गयी है. डीएम रिची पांडेय ने शुक्रवार को समाहरणालय में संबंधित विभागों के साथ बैठक कर अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिया. उन्होंने पूर्व संभावित बाढ़ व आपदा को लेकर सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया. बताया गया कि डीएम द्वारा लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर सभी तटबंधों का जायजा लिया जा रहा है. साथ ही संभावित बाढ़ में आपदा प्रबंधन के तहत मानक संचालन प्रक्रिया अंतर्गत की जाने वाले तैयारियों की लगातार समीक्षा भी किया जा रहा है.
— 24 घंटे हो रही नदियों के जलस्तर की निगरानी
सभी नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. वर्तमान में सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. जिले में अभी बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है. वर्तमान में जिला अंतर्गत कुल 17 वर्षा मापक यंत्र कार्यरत हैं. सीतामढ़ी जिला अंतर्गत सभी पंचायत में स्वचालित वर्षा मापक यंत्र का अधिष्ठापन किया जा चुका है. राहत सामग्रियों के दर का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताओं का चयन कर लिया गया है. जिला में कल 34557 पॉलिथीन सीट उपलब्ध है, जिसमें अंचल स्तर पर 26272 पोलोथिन सीट्स उपलब्ध है. नोडल जिला मुजफ्फरपुर से 25000 पॉलीथिन सीट्स की अधियाचन की गई है. परिचालन योग्य सरकारी नाव की संख्या 18 है, जबकि निजी नाव मालिकों के साथ भी एकरारनामा किया गया है. जिले में बाढ़ राहत शिविर की संख्या 233 है, जबकि 256 सामुदायिक रसोई का स्थल चिन्हित किया गया है.
— 27 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम तैनात
बाढ़ के समय इमरजेंसी सेवा के लिए 27 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम रुन्नीसैदपुर अंतर्गत आवासित है. सभी अनुमंडल अधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता की टीम बनाकर तटबंधों के निरीक्षण कर संवेदनशील स्थलों व रन कट स्थलों की मरम्मती कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है. मरम्मती का कार्य जारी है. साथ ही सभी संबंधित पदाधिकारी के द्वारा तटबन्धों पर सतत निगरानी रखी जा रही है.खरीफ फसल के लिए आकस्मिक योजना तैयार कर ली गई है. पशु चारा के दर का निर्धारण कर लिया गया है. बाढ़ के दौरान पशु स्वास्थ्य के लिए 38 प्रकार का दवा उपलब्ध है, जबकि 34 पशु शिविर का चयन किया गया है. जिसमें 34 मेडिकल टीम का गठन किया गया है. बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 32 मेडिकल टीम का गठन किया गया है. जबकि बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 21 मोबाइल मेडिकल टीम का गठन किया गया है. बाढ़ के दौरान मानव स्वास्थ्य के लिए कुल 40 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
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