बैरगनिया. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में हुई फर्जीवाड़ा तथा बैंकर्स द्वारा ग्राहकों के खाते से की गयी फर्जी निकासी मामले की जांच अब सीआइडी विभाग के हवाले कर दी गयी है. जांच को लेकर सीआइडी के जांच अधिकारी परिक्षित पासवान शुक्रवार को बैंक पहुंचकर पीड़ित खाता धारकों से पूछताछ की. जिसमें सैकड़ों खाताधारकों के साथ हुई कई करोड़ की फर्जी निकासी मामले की जांच को आगे बढ़ाया गया. जांच में जुटे सीआइडी बैंक में गहन छानबीन करते हुए अन्य फर्जी निकासी के शिकार लोगों को भी आवेदन देने की बातें कही. मालूम हो कि पिछले पांच मार्च 2024 में खाताधारकों के जमा राशि की फर्जी निकासी का मामला उजागर होने के बाद ग्राहकों ने बैंक के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभात कुमार सहित अन्य का बैंक में घेराव किया था. पुलिस हस्तक्षेप के बाद उन्हें मुक्त कराया गया. क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा खाताधारकों से आवेदन प्राप्त कर उन्हें राशि दिलाने का आश्वासन दिया था. कुछ दिनों बाद बैंक प्रबंधक नितिन कुमार द्वारा करोड़ों के फर्जी निकासी में तत्कालीन बैंक प्रबंधक प्रमोद कुमार व कैशियर आशीष कुमार के विरुद्ध थाना में एफआइआर दर्ज करायी गयी. साथ ही खाताधारकों को उनके गबन की राशि तीन माह में भुगतान करने का आश्वासन दिया गया. इन सब के बावजूद अबतक एक फूटी कौड़ी भी पीड़ित ग्राहकों को नहीं दी गयी है. करीब 40 खाताधारक थाना पहुंचकर सीआइडी अधिकारी से मिलकर फर्जी निकासी से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किए. जिसके बाद अनुसंधान अधिकारी द्वारा बयान भी दर्ज किया है. अनुसंधान अधिकारी श्री पासवान ने बताया कि जिन खाताधारकों की खाते से राशि गबन अथवा फर्जी निकासी हुई है और वह अभी तक आवेदन सुपुर्द नहीं किये है तो शीघ्र ही आवेदन सुपुर्द करें, ताकि अग्रेतर करवाई की जा सके. उन्होंने बैंक के सीएसपी संचालकों से भी पूछताछ की. मालूम हो कि बैंक के प्रबंधक प्रमोद कुमार को पुलिस द्वारा अररिया से गिरफ्तार किया गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है