सीतामढ़ी. बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, सीतामढ़ी शाखा द्वारा नगर के भरतिया अतिथि भवन में बड़ी धूमधाम व परंपरागत तरीके से गणगौर विसर्जन महोत्सव मनाया गया. समारोह में बड़ी संख्या में नवविवाहिता युवतियों, लड़कियों, महिलाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया. गणगौर विसर्जन के दौरान मैदान में निर्मित कुंड में गणगौर का पूरी भक्ति-भाव से विसर्जन किया गया. ईशर और गणगौर भगवान शिव और पार्वती के रूप में पूजे जाते हैं. सम्मेलन के मंत्री राजेश कुमार सुन्दरका ने बताया कि पूजन में ईशर और गणगौर के अलावा ईशर के भाई कानीराम, गणगौर की बहन रोंवा और सहेली मालन की भी मूर्ति होती हैं. होली के दिन से 18 दिनों तक विवाहिता युवतियां अपने पीहर में रहकर गणगौर की पूजा करती हैं. पूजा के दौरान ””””ईशर जी तो पेंचों बांधे गौरा बाई पेंच सन्वारियों राज””””, ””””गौर ए गणगौर माता खोल किंवाडी बाहर उन्वी-रोंवा पूजन वाली””””, ””””या टिकी बाई गौरा जी के सोहे, ईशर दास जी घरावें टिकी सोने की”””” आदि गीतों से गणगौर माता की मनुहार होती हैं. उसके पश्चात अंतिम दिन चैत्र सुदी तीज को पूजन कर रहीं महिलाएं एक दूसरे को गुलाल लगाकर गणगौर माता का विसर्जन करती हैं. संध्या में आयोजित गणगौर विसर्जन महोत्सव में सम्मेलन द्वारा महिलाओं व युवतियों के लिए आयोजित पार्टी में विविध व्यंजनों का सभी ने भरपूर आनंद लिया. महोत्सव के आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष जनार्दन प्रसाद भरतिया, कोषाध्यक्ष पंकज कुमार गोयनका, दीपक मस्करा, वसंत नारनोलिया, प्रदीप डालमिया, सुमित मुरारका, दीपक चौमाल, राजेश कुमार सुन्दरका लगे थे. वहीं, समारोह के दौरान अध्यक्ष राधेश्याम मिश्रा, डॉ शंकर प्रसाद खेतान, डॉ विश्वनाथ बाजोरिया, ओमप्रकाश अग्रवाल, डॉ विजय सर्राफ, रितेश सिकारिया उर्फ गणेश, मुन्ना शर्मा, अशोक सोनी, घनश्याम व्यास, विक्रम बुबना आदि लोग उपस्थित रहे.
… ईशर दास जी घरावें टिकी सोने की
बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, सीतामढ़ी शाखा द्वारा नगर के भरतिया अतिथि भवन में बड़ी धूमधाम व परंपरागत तरीके से गणगौर विसर्जन महोत्सव मनाया गया.
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