तीसरे दिन भी हुई बारिश, दोपहर बाद सामान्य हुआ मौसम
जिले में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी शहर समेत जिले के विभिन्न स्थानों पर बारिश का क्रम जारी रहा.
सीतामढ़ी. जिले में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी शहर समेत जिले के विभिन्न स्थानों पर बारिश का क्रम जारी रहा. पिछले दो दिन की तरह गुरुवार को भी पश्चिम दिशा से काले-काले बादलों का जमावड़ा हुआ और कुछ देर तेज पूर्वा हवा के साथ झमाझम बारिश हुई. मौसम का मिजाज देखकर लोगों को लगा कि गुरुवार को भी मौसम खराब रहने वाला है. हालांकि, दोपहर होते-होते आसमान से बादल छंटने लगे और धीरे-धीरे आसमान साफ हो गया. इसके बाद धूप भी खिली. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ राम इश्वर प्रसाद से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान करीब 39 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. शुक्रवार को मौसम सामान्य रहने व तापमान में और वृद्धि का अनुमान है. बताया कि यह बारिश किसानों के लिए काफी लाभकारी रही. किसान को अगात धान की नर्सरी के लिए खेतों को तैयार करने का अवसर मिला है. आम, लीची व अनेक प्रकार के सब्जियों के फसलों के लिए यह बारिश अमृत के समान है. आम और लीची के पेड़ों में लगे जाले और कीट-मकोड़े धुल गए हैं. इससे फलों के दाने को विकसित और पुष्ट होने में सहायता मिलेगी. आम, लीची, मक्का, तिल व मूंग के फसलों को फायदा.पुपरी. बुधवार की दोपहर व गुरुवार की सुबह अनुमंडल मुख्यालय समेत आसपास के क्षेत्रों में हल्की एवं मध्यम दर्जे की बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है. कृषि विज्ञान केंद्र बलहा मकसूदन सीतामढ़ी के मौसम विभाग के मुताबिक आगामी दो-तीन दिनों तक जिले के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना व्यक्त की है. वहीं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि व व्रजपात की भी संभावना व्यक्त की है. तापमान में विगत दो दिनों में करीब 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है. कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामेश्वर प्रसाद व मौसम विशेषज्ञ राकेश कुमार ने बताया कि अनुमंडल का अधिकतम तापमान 31 डिग्री दर्ज किया गया है. आगामी मंगलवार तक हल्की व मध्यम बारिश होने की संभावना है. केंद्र के शस्य वैज्ञानिक सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि हल्की एवं मध्यम दर्जे की बारिश होने के कारण आम, लीची, मक्का, तिल, मूंग आदि की फसलों को काफी फायदा हुआ है. उक्त फसलों को काफी लाभ पहुंचा है. इस बारिश से सब्जी की फसलों को भी लाभ हुआ है. तेज हवा नहीं रहने के कारण आम लीची की फसल को अधिक क्षति नहीं पहुंची है.
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