बहुफसली सब्जी की खेती कर जितेंद्र कर रहे लाखों की कमाई

डुमरा प्रखंड की मुरादपुर पंचायत के वार्ड नौ निवासी जितेन्द्र सिंह ने अपनी 14 कट्ठा जमीन में पहले तो तालाब खुदवा कर मछली पालन शुरू कराया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 31, 2024 10:30 PM

सीतामढी. जहां आम लोगो के मन में ये अवधारणा बस गई है की खेती में फायदा नहीं है. ऐसे में जिले के कुछ ऐसे भी किसान हैं, जो नवाचार से उन्नति की ओर अग्रसर है. डुमरा प्रखंड की मुरादपुर पंचायत के वार्ड नौ निवासी जितेन्द्र सिंह ने अपनी 14 कट्ठा जमीन में पहले तो तालाब खुदवा कर मछली पालन शुरू कराया. वहीं अगले साल से उस तालाब के किनारे पर मौसमी सब्जी के रूप में कद्दू, परवल, बोरी की खेती शुरू की और तालाब पर जाल लगा कर फसल उगाना शुरू किया. जितेन्द्र सिंह अपने सोच से नई तकनीक से खेती शुरू कर अब 10 लाख रुपये सालाना कमाई कर रहे है. आज पोखर के ऊपर लगे जाल पर कद्दू तो नीचे तालाब में मछली है. जितेन्द्र बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग 100 से 120 कद्दू निकल जाता है, इसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. वहीं मछली भी कारोबारी ले जाते हैं.

–पोखर के भिड़ा को बचाने के लिए शुरु की खेती

जितेन्द्र बताते है कि तीन वर्ष पहले मनरेगा योजना से पोखर खुदना था. मगर, किसी कारणवश मनरेगा योजना से पोखर खनवाने की योजना धरातल पर नहीं उतरी. मछली पालन करने की जिद में अपना पैसा लगाकर 14 कट्ठा जमीन में पोखर खनवा कर मछली पालन शुरू किया. मगर, बार-बार पोखर का भिड़ा टूटा जा रहा था. इसे बचाने के लिए उनके दिमाग में एक नया तरकीब आया. इसके बाद उन्होंने भिड़ा को बांधकर रखने के लिए पहले केले की बागवनी लगायी. केले की बागवनी से उनकी आय भी बढ़ गयी और भिड़ा भी सुरक्षित हो गया था.

— केले के बागवानी के बाद पारंपरिक खेती पर दिया जोड़

पोखर के भिड़ा पर केले के सफल बागवानी करने के बाद जितेन्द्र के दिमाग में पारंपरिक खेती जोर देने लगा. इसके बाद जितेन्द्र मौसम के अनुसार, पोखर के भिड़ा पर कद्दू, परवल, बोरी आदि सब्जियों के पौधे लगाए और उनके बड़े होने पर पोखर में ही मचान और जाल बिछाकर सब्जियों के पौधों को पोखर में फैला दिया. इससे पोखर में नीचे मछली का पालन होने लगा और ऊपर मौसम के अनुसार लगाए पौधे जितेन्द्र की आय को बढ़ाने लगे.

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