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चार सूत्री मांगों को लेकर कलमबद्ध हड़ताल पर रहे न्यायिक कर्मी

चार सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर सिविल कोर्ट के न्यायिक कर्मचारियों ने गुरुवार से अनिश्चिकालीन कलमबद्ध हड़ताल शुरू किया है.

डुमरा कोर्ट. चार सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर सिविल कोर्ट के न्यायिक कर्मचारियों ने गुरुवार से अनिश्चिकालीन कलमबद्ध हड़ताल शुरू किया है. उक्त हड़ताल का प्रथम दिन पूरा असर देखा गया. पक्षकार, अधिवक्ता समेत अन्य कोर्ट पहुंचे, लेकिन हड़ताल के चलते उनका काम नहीं हुआ. पक्षकारों को निराश होकर घर लौट जाना पड़ा. हड़ताल से न तो किसी की जमानत अर्जी पर सुनवाई की जा सकी और न किसी का रिमांड/रिलीज किया गया. कर्मियों की मांगों में क्रमश: वेतन विसंगति को दूर करने, तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मियों को प्रोन्नति का लाभ देने व अनुकंपा पर बहाली करने समेत अन्य शामिल है. सुबह 10.30 बजे से लेकर संध्या पांच बजे तक कर्मी सिविल कोर्ट के मुख्य द्वार के पास धरना पर बैठे रहे. उधर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा ने कर्मियों की हड़ताल पर आपत्ति की है. उन्होंने हड़ताल को सेवा नियमों का उल्लंघन करार दिया है. उन्होंने मुख्य रूप से परिवीक्षा पर रहनेवाले कर्मियों को चेतावनी दी है कि उनके भी हड़ताल रहने पर प्रतिकूल परिणाम हो सकता है. वहीं, उन्होंने न्यायिक कार्यों को सुचारू करने के लिए पैरा लीगल वॉलिंटियर्स व लोक अदालत के स्टाफ की सहायता लेने की बात कही है. न्यायिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष परमेश्वर राम ने बताया कि हड़ताल पर जाने की पूर्व सूचना प्रधान जिला जज से मिलकर दी गयी है. सदर एसडीपीओ वन राम कृष्णा धरना पर बैठे न्यायिक कर्मचारियों के बीच पहुंचकर वार्ता किया, किंतु हड़ताली कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. धरना पर बैठने वालों में अध्यक्ष परमेश्वर राम, सचिव आशीष कुमार, सुशांत कुमार, केशरी कुमार, रमेश श्रीवास्तव, संजीव कुमार, अविनाश कुमार, अमित कुमार, प्रशांत कुमार, पंकज प्रसून, राकेश कुमार, लक्ष्मी कुमारी, राजीव कुमार, विभूति भूषण सिंह, केशव कुमार, दिलीप सिंह, मणिभूषण सिंह, दीपक कुमार, रामेश्वर कुमार सिंह, सुधीर कुमार, हरि किशोर, सुनील कुमार श्रीवास्तव, मुकेश कुमार, राज कुमार झा, संतोष सिंह, राजीव कुमार समेत अन्य न्यायिक कर्मी शामिल रहे.

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