कार्यशाला में छात्रों को मिला आधुनिक तकनीक का ज्ञान

प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छतौना बिशनपुर स्थित शिवहर इंजीनियरिंग कॉलेज में 5-दिवसीय इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) कार्यशाला का आयोजन हुआ

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2024 11:25 PM

पराही. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छतौना बिशनपुर स्थित शिवहर इंजीनियरिंग कॉलेज में 5-दिवसीय इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को आइओटी तकनीक के नवीनतम प्रगति व उपयोग के बारे में बताना था. मौके पर इंजीनियरिंग कॉलेज ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया. सेंट्रल रिसर्च फॉर इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया, जो सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस, (सीआरआइएसपी), भोपाल को मध्य प्रदेश सरकार व संघीय गणराज्य के बीच द्विपक्षीय सहयोग के तहत सोसायटी के रूप में एक स्वायत्त दर्जा प्राप्त है. इस समझौते से इंजीनियरिंग कॉलेज शिवहर व सेंट्रल रिसर्च फॉर इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस के बीच तकनीकी ज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग का मार्ग प्रस्तुत किया गया है. कार्यशाला समन्वयक गौरव शर्मा एवं निशांत श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में 27 से 31 मई तक आयोजित की गयी. इसमें छात्रों को उच्च गुणवत्ता और विशेषज्ञता से भरपूर पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण संबंधी सुविधाएं प्राप्त हुई. साथ ही संस्थान की ओर से आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन ने विभिन्न आइओटी परियोजनाओं पर विचार- विमर्श किया. जिसमें कंट्रोल्ड एलईडी यूजिंग ब्लैंक क्लाउड, डिजिटल ह्यूमिडिटी एंड टेंपरेचर सेंसर, सॉइल मॉइश्चर सेंसर, एयर क्वालिटी इंडेक्स सेंसर एवं होम ऑटोमेशन सेंसर जैसे प्रयोग शामिल थे.वही इस अवसर पर कॉलेज के प्रमुख डॉ. केशवेंद्र चौधरी ने बताया कि इस समझौते के माध्यम से आगे चलकर छात्रों को उच्च गुणवत्ता और नवाचारी तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने का और अधिक अवसर मिलेगा. इस संबंध में सेंट्रल रिसर्च फॉर इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस के प्रतिनिधि अनय कुमार ने इस साझेदारी को एक महत्वपूर्ण कदम बताया और बोर्ड की पक्षधर में इस समझौते का स्वागत किया.तथा छात्रों ने भी इस कार्यशाला को बेहद लाभदायक बताया और कहा कि उन्हें नयी तकनीक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं. जो उनके भविष्य के परियोजनाओं में सहायक सिद्ध होंगी. इस कार्यक्रम का समापन शांति पूर्ण तरिके से हुआ. इसका श्रेय इलेक्ट्रिकल संकाय के संयोजक- सुधीर कुमार एवं इंस्टिट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल के सदस्य मुस्कान कुमारी व अविनाश कुमार को जाता है.

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