सीतामढ़ी. मां सीता की जन्मभूमि श्री सीतामढ़ी धाम स्थित रजत द्वार जानकी मंदिर, जानकी मंदिर, पुनौरा धाम व पंथपाकड़ धाम समेत जिले के तमाम राम-जानकी मंदिरों में भक्ति भाव एवं हर्षोल्लास के साथ आज विवाह पंचमी का पावन पर्व मनाया जायेगा. भगवान श्रीराम, मां सीता व अन्य देवी-देवताओं के वेश में बच्चे एवं किशोर-किशोरियां कार्यक्रम में शामिल होकर आकर्षक का केंद्र बनेंगे. एक से बढ़कर एक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. दोनों ही मंदिरों में स्थानीय महिला मंडलियों द्वारा मिथिला रीति-रिवाज के अनुसार विधि-विधान से भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह की सभी रस्में निभायी जायेयी. शुक्रवार को विधि-विधान से महिला मंडलियों द्वारा मटकोर की रस्में निभायी गयी. मैथिली और भोजपुरी भाषा में विवाह पंचमी के पारंपरिक लोक विवाह गीतों से पूरा जिला गुंजायमान होगा. जानकी मंदिर में विवाह पंचमी का समारोह देखने के लिए शहर से बाहर के भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. रंग-बिरंगे कृत्रिम रौशनियों से दोनों मंदिर दमक रहे हैं. विवाह उत्सव के दौरान महिलाएं हल्दी गीत, स्वागत गीत, परिछन गीत, समदाओन गीत, गारी गीत, तिलक गीत, विवाह गीत, कन्यादान गीत व विदाई गीत गाकर माहौल को कभी खुशनुमा तो कभी गमगीन करेंगी. विवाह कीर्तन मंडलियों द्वारा एक से बढ़कर एक संगीतमय प्रस्तुति दी जायेगी. पुनौरा धाम और जानकी स्थान मंदिर में इस अवसर पर मेले का आयोजन भी होता है. जानकी स्थान मंदिर में मंदिर समिति व हनुमान सेना की ओर से भव्य महाप्रसाद की व्यवस्था की गयी है. जानकी स्थान मंदिर के बाहर हर साल की तरह विवाह पंचमी मेला लग चुका है, जहां शहर समेत जिले भर की महिलाएं उलेन समेत अन्य गर्म कपड़ों की खरीददारी के लिए आ रही हैं. संध्या को घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के द्वार पर दीपक जलाकर विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जायेगा.
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