उग्रवादी हमले में शहीद सुजीत का शव पहंंचा खरसान, गुजें अमर रहे के नारे
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी सीमा पर दो दिन पूर्व उल्फा उग्रवादियों के हमले में शहीद सेना के जवान सुजीत कुमार सिंह(27 वर्ष) गुरुवार की सुबह रीगा प्रखंड के खरसान स्थित गांव पहुंचा.
सीतामढ़ी/रीगा. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी सीमा पर दो दिन पूर्व उल्फा उग्रवादियों के हमले में शहीद सेना के जवान सुजीत कुमार सिंह(27 वर्ष) गुरुवार की सुबह रीगा प्रखंड के खरसान स्थित गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही घर व गांव का माहौल गमगीन हो गया. परिजन चीत्कार करने लगे. वहीं, मौजूद युवकों ने अमर रहे के नारे लगाये. विधायक मोतीलाल प्रसाद, पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि रामाशंकर राय, विपिन कुमार यादव, पूर्व प्रमुख रणधीर प्रसाद सिंह, रमन प्रताप सिंह समेत अन्य लोगों ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. पूर्व विधायक श्री टुन्ना ने शहीद जवान के अर्थी को कंधा भी लगाया. ग्रामीणों में शहीद सुजीत के साहस और शहादत के प्रति गर्व का भाव दिख रहा था. वहीं, जिला एवं स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों की गैरमौजूदगी पर लोग गुस्से में थे. शहीद जवान के साथ आये साथी जवानों ने पुरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी.
— पति का शव देख बदहवास हुई पूजा
पति का शव देखकर पूजा बदहवास हो गयी. वह एक टक निहार रही थी. 15 दिन पूर्व ही पति सुजीत कुमार सिंह घर के सभी सदस्यों से मिलकर नयी जगह पर ज्वाइन किया था. इससे पूर्व वह मध्य प्रदेश में ड्यूटी पर थे. सुजीत का दोनों नाबालिक पुत्र चार वर्षीय सत्यप्रकाश एवं तीन वर्षीय रविप्रकाश बार-बार लोगों को देख रहा था. ग्रामीण लोग उसे बार-बार भारत माता की जय बोलने के लिए कह रहा था. बच्चा भी भारत माता की जय दुहरा रहा था, लेकिन अपने मम्मी, दादा, दादी को रोता बिलखता देख वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर बात क्या है. हृदय विदारक दृश्य देख वहां सबके आंखों से आंसू छलक रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है