डुमरा. उधानिक फसल के तहत जिले के अपरंपरागत क्षेत्र में अब नारियल को विकसित किया जायेगा. किसी न किसी रूप में मानव के लिए उपयोगी यह नारियल पेड़ (कोकोस न्यूसीफेरा) दुनिया का सर्वाधिक उपयोगी पेड़ है. इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्यान निदेशालय ने कार्य योजना तैयार कर किसानों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करना शुरू कर दिया है. अगले तीन वर्षो तक जिले में कुल 45 सौ नारियल पौधा को लगाया जायेगा. जिले अबतक 5381 नारियल पौधा की मांग करते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के 31 किसानों ने आवेदन दिया है. हालांकि नारियल पौधा वितरण कार्यक्रम के तहत पहले वर्ष में जिले को 900 पौधा अनुदानित दर पर वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लक्ष्य के अनुरूप किसानों को यह पौधा पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर उपलब्ध कराया जायेगा.
–नारियल विकास बोर्ड उपलब्ध कराएगा पौधा
नारियल पौधा नारियल विकास बोर्ड के माध्यम से सहायक निदेशक उद्यान को उपलब्ध होगा. इसके लिए चयनित किसानों को नारियल पौधा प्राप्त करने से पूर्व प्रति पौधा 85 रूपये का 25 फीसदी राशि जमा करना होगा. बताया गया कि उक्त कार्यक्रम के तहत प्रति किसान न्यूनतम पांच तो अधिकतम प्रति हेक्टेयर 178 पौधा देय है.
उद्यान कार्यालय के अनुसार अबतक जिले के 10 प्रखंडों से 31 किसानों ने आवेदन किया है. जबकि बैरगनिया, बेलसंड, बोखरा, चोरौत, मेजरगंज, परसौनी व सुरसंड प्रखंड से आवेदन की स्थिति शून्य है. बताया गया कि पुपरी से छह, बाजपट्टी व रीगा से पांच-पांच, बथनाहा से चार, डुमरा से तीन, रुन्नीसैदपुर, सोनबरसा व सुप्पी से दो-दो एवं नानपुर व परिहार से एक-एक किसानों ने आवेदन किया है.
–वर्षवार वितरण का लक्ष्य निर्धारितवित्तीय वर्ष वितरण
2024-25 900 पौधा 2025-26 1800 पौधा 2026-27 1800 पौधा –क्या कहते है अधिकारी नारियल पौधा वितरण कार्यक्रम के तहत इस वर्ष जिले में नौ सौ पौधा अनुदानित दर पर वितरण किया जायेगा. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होते ही पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर आवेदनों की जांचोपरांत संबंधित किसानो को उपलब्ध कराया जाना है. उधानिक फसलों को बढ़ावा देने के लिए अगले वर्ष 18 सौ पौधा वितरण का लक्ष्य रखा गया है.मो नेयाज अहमद, जिला उद्यान अधिकारी
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