अब सभी विभागों में शुक्रवार को लगेगा जनता दरबार
जिले के अधिकारियों द्वारा आम जनता की छोटी-छोटी समस्याओं को भी नजरंदाज कर देते हैं. उन समस्याओं के निदान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जाता है और कदम उठाया भी जाता है, तो सिर्फ खानापूर्ति साबित होती है.
सीतामढ़ी. जिले के अधिकारियों द्वारा आम जनता की छोटी-छोटी समस्याओं को भी नजरंदाज कर देते हैं. उन समस्याओं के निदान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जाता है और कदम उठाया भी जाता है, तो सिर्फ खानापूर्ति साबित होती है. ऐसे एक नहीं, बल्कि सैकड़ों मामले है, जिसका निदान निचले स्तर पर नहीं होने से लोगों को वरीय पदाधिकारी के यहां जाना पड़ा है. यानी यानी जनता की जिन समस्याओं का निदान संबंधित अधिकारियों के स्तर से ही संभव है, उसके लिए लोगों को डीएम के यहां आना पड़ता है. यह बात खुद डीएम रिची पांडेय ने भी महसूस किया है और ठोस कदम उठाया है. जिले में यह पहली बार है कि किसी डीएम के स्तर से इस तरह का निर्णय लिया गया है. डीएम पांडेय ने महसूस किया है कि डीडीसी, एडीएम समेत अन्य अधिकारियों के स्तर से आमजन की छोटी से छोटी समस्याओं पर गौर नही किए जाने एवं उसके निदान की कोशिश नही किए जाने के चलते ही प्रत्येक शुक्रवार को उनके यहां जनता दरबार में भीड़ लगती है. लोगों की समस्याओं की समीक्षा और गौर करने के बाद डीएम ने पाया है कि अधिकांश लोगों के मामले निचले स्तर के पदाधिकारियों से संबंधित होते है और उसका निदान भी उन्हीं के स्तर से संभव है. डीएम का मानना है कि हर शुक्रवार को काफी अधिक लोगों के समस्याओं के साथ पहुंचने के कारण उसके निदान में कठिनाई होती है और आमजन को भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने में काफी परेशानी होती है. हर शुक्रवार को करेंगे जनता दरबार. अधिक से अधिक लोगों की समस्याओं का समय पर निदान को लेकर डीएम ने अब हर विभाग/कार्यालय में जनता दरबार का आयोजन कराने का निर्णय लिया है. यह निर्णय आमलोगों के लिए बड़ी राहत भरी है. डीएम ने डीडीसी, एडीएम राजस्व व आपदा, तीनों एसडीओ, डीसीएलआर, बीडीओ व सीओ समेत सभी विभागों के अफसरों को पत्र भेजा है और प्रत्येक शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में “जनता दरबार ” का आयोजन करने का निर्देश दिया है. जानकारों का कहना है कि उक्त निर्देश धरातल पर उतरा तो निश्चित तौर पर हर शुक्रवार को डीएम के यहां लगने वाली भीड़ नही लग सकेगी और आम जनता को भी राहत मिलेगी. उक्त निर्देश के साथ डीएम ने अधिकारियों पर जिम्मेवारी भी सौंप दी है. ताकि कोई अधिकारी जनता दरबार की खानापूर्ति नही कर सके. डीएम ने अधिकारियों को हर शुक्रवार को जनता से प्राप्त होने आवेदनों को संधारित करने और उसका निदान कर उसकी रिपोर्ट जिला गोपनीय कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है.
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