डुमरा. जिला मुख्यालय स्थित रामसेवक सिंह महिला कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर अंग्रेजी विभाग के तत्वाधान ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमे हंसराज कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर हिमांशु कुमार ने अभिज्ञान शाकुंतलम में पर्यावरण को लेकर कालिदास कैसे साहित्यिक कल्पना के माध्यम से पर्यावरण के संबंध में लोगों को जागृत व ध्यान आकर्षित करते हैं इस संदर्भ में अपना वक्तव्य दिया. इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्र-छात्राओं को न सिर्फ अभिज्ञान शाकुंतलम बल्कि उन्हें पर्यावरण से संबंधित जानकारी दिया गया.
–अभिज्ञान शाकुंतलम की रचना में वन क्षेत्र का भी बड़ा महत्वपूर्ण योगदान
उन्होंने बताया कि अभिज्ञान शाकुंतलम की रचना में वन क्षेत्र का भी बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है एवं वन क्षेत्र में जो पशु व पक्षी रह रहे थे वह भी जब शकुंतला जब राजा दुष्यंत से मिलने के लिए वन छोड़कर जब जा रही है तो सब रोते हैं. इसलिए पर्यावरण को इसमें बहुत महत्व दिया गया है. वहीं विधानी कॉलेज कोलकाता के रिया मित्रा ने बताया कि कैसे नारीवाद व पर्यावरण एक दूसरे के पर्यायवाची हैं. इस संबंध में उन्होंने विस्तृत रूप से बताया. कार्यक्रम का ऑनलाइन संचालन करते हुए अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ अर्पणा कुमारी ने बताया कि को-ऑर्डिनेटर डॉ अमजद अली के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे बड़ी संख्या में छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक जुड़े थे. प्राचार्य प्रोफेसर डॉ तरुणेश्वर प्रसाद सिंह ने इस कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा किया. कार्यक्रम के दौरान छात्रा नैंसी कुमारी, शिवानी कुमारी, नेहा कुमारी व साक्षी कुमारी समेत अन्य छात्राओं ने पर्यावरण से संबंधित प्रश्नोत्तर किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है