Fish Production : डुमरा. सीतामढ़ी जिला अब नीली क्रांति की ओर अग्रसर हो रहा है. इस वर्ष 2024 में लगभग 90 टन मछली उत्पादन में वृद्धि हुआ है. पूर्व के वर्षों में महज कुछ ही हेक्टेयर में उत्पादित होने वाली मछली उत्पादन का स्वरूप अब वृहद होता जा रहा है. वर्तमान में अब 3155 हेक्टेयर जल क्षेत्रो में बड़ी मात्रा में प्रतिदिन मछली का उत्पादन हो रहा है. इसमें मुख्य रूप से रोहू, नैनी, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प व पंगेसियस समेत अन्य प्रजाति शामिल है. इस जल क्षेत्र में 1735 हेक्टेयर निजी तो 1420 हेक्टेयर सरकारी जलकर शामिल है. एक अनुमान के मुताबिक, जिले में 60 से 65 फीसदी लोग मछली खाने के शौक़ीन है. यही कारण है कि जिले में प्रतिदिन लगभग एक हजार मीट्रिक टन आंध्र प्रदेश व पश्चिमी बंगाल से मछली का आयात होता है.
Fish Production : विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होंगे मत्स्य पालक
मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर मत्स्यपालकों के आय में वृद्धि करने को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाएं संचालित है. इस वर्ष चौर विकास योजना, तालाब निर्माण के लिए इबीसी, एससी व एसटी वर्ग के लिए विशेष सहायता योजना, उन्नत इनपुट योजना व बोरिंग एवं पंपसेट अधिष्ठापन योजना के तहत लाभुकों को लाभान्वित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अलंकारी थोक, खुदरा, ब्रीडर, शौकिया पालनकर्ता व्यवसायी को अलंकारी आधारभूत संरचना व संवर्धन इकाइयों का सुदृढ़ीकरण व इस व्यवसाय से जुड़े लोगो को सहायता पहुंचा कर इस कारोबार को सतत व टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से समग्र अलंकारी मात्स्यिकी योजना के तहत थोक अलंकारी मत्स्य संवर्धन व विपणन, अलंकारी मत्स्य प्रजनन इकाई व अलंकारी मत्स्य इकाई सहायता योजना से लाभान्वित कराया जा रहा है.
मत्स्य विक्रेताओं को मिलेगा स्थायी बाजार, चार स्थानों का मिला एनओसी, सीतामढ़ी शहर व डुमरा के गुदरी बाजार समेत चार स्थान चिन्हित
डुमरा. मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के तहत अब मत्स्यपालकों को स्थायी बाजार व दुकान उपलब्ध कराया जायेगा. प्रखंड व पंचायत स्तरीय मत्स्य बाजार निर्माण से संबंधित विभागीय स्तर से आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दिया गया है. जिला मत्स्य कार्यालय ने संबंधित विभागों से एनओसी प्राप्त कर निदेशालय को भेज दिया है. बताया गया है कि जिले के चार स्थानों पर बाजार व दुकान का निर्माण कराने को लेकर एनओसी प्राप्त कर लिया गया है. जिसमें जिला मुख्यालय स्थित गुदरी बाजार, शहर स्थित गुदरी बाजार, पुपरी स्थित हाट बाजार व बैरगनिया के नगर परिषद कार्यालय के समीप स्थान शामिल है. बताया गया है कि उक्त योजना के तहत मत्स्य बाजार का इकाई लागत 25 लाख रूपये है. जिसके निर्माण के लिए कार्य एजेंसी का चयन ई-टेंडर के माध्यम से किया जायेगा.
डीएफओ करेंगे दुकान का आवंटन, मिली जिम्मेवारी
मत्स्य बाजार निर्माण के बाद दुकान का वार्षिक किराया का निर्धारण व वसूली, आवंटन, बाजार का रख-रखाव व प्रबंधन की जिम्मेवारी जिला मत्स्य अधिकारी की होगी. बताया गया कि उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित चयन समिति के द्वारा विधिवत चयनित लाभुकों को निर्मित मत्स्य बाजार के तहत दुकान का आवंटन पांच वर्षों के लिए किया जायेगा. वहीं, बाजार के दैनिक प्रबंधन के लिए मत्स्य विक्रेताओं का समूह ही आपसी सहमति से एक यूजर ग्रुप का निर्माण करेगी. इस समूह में स्टॉलधारी ही सद्स्य होंगे, जिसका दैनिक प्रबंधक होगा जो रोटेशन के आधार पर प्रत्येक छह माह में इसके स्थायी सदस्य को इसकी जिम्मेवारी ट्रांसफर हो जाएगी. दैनिक प्रबंधन में साफ-सफाई, जलापूर्ति, संरचनाओं की छोटी-छोटी मरम्मति, मछली का आवक व बिक्री का रिकॉर्ड शामिल होगी.
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