18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है : साध्वी चंचला

प्रखंड क्षेत्र के सकरम गांव स्थित राम-जानकी मंदिर परिसर में आयोजित श्री विष्णु महायज्ञ स्थल पर सायं काल जारी श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को कथा वाचिका चंचला दीदी ने भगवान विष्णु के अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम रास लीला का वर्णन किया.

चोरौत. प्रखंड क्षेत्र के सकरम गांव स्थित राम-जानकी मंदिर परिसर में आयोजित श्री विष्णु महायज्ञ स्थल पर सायं काल जारी श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को कथा वाचिका चंचला दीदी ने भगवान विष्णु के अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम रास लीला का वर्णन किया. कहा कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है. यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है. इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्ण सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया था, पर उन्हें स्वयं परास्त होना पड़ा. रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है. गोपी गीत पर चर्चा करते हुए कहा कि जब- तब जीव में अभिमान आता है, भगवान उनसे दूर हो जाते है, जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह कर दर्शन देते है. भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग के क्रम में बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ हुई थी, पर रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया. कारण कि रुक्मणि साक्षात लक्ष्मी थी और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती. यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक है, पर यदि ऐसा नहीं किया गया तो उस धन की चोरी या किसी असाध्य बीमारी समेत अन्य मार्ग से हरण होना निश्चित है. इसीलिए धन को परमार्थ में लगाना चाहिए. जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत : प्राप्त होती है. इसके अलावे कथा वाचिका द्वारा भगवान श्री कृष्ण के अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें