पटना. दिल्ली के एक एनजीओ के साथ सीतामढ़ी पुलिस ने शहर से सटे रेडलाइट एरिया में छापेमारी कर 16 महिलाएं और लड़कियां, आठ पुरुषों को हिरासत में लिया है. पुलिस फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि हिरासत में ली गई 16 महिलाओं और लडकियों में आधा से ज्यादा खरीद-फरोख्त कर गलत धंधा में ढकेली गई थी. पुलिस का कहना है कि पकड़े गए दलालों से पूछताछ चल रही है. उनसे मिल रही सूचना के आलोक में शीघ्र ही अन्य शहरों में भी छापेमारी की जायेगी. बताते चलें कि सीतामढ़ी पुलिस ने छापेमारी के दौरान महिला दलाल के साथ चार पुरुष दलाल को भी गिरफ्तार किया है.
सीतामढ़ी पुलिस ने बताया कि दिल्ली के एनजीओ ने एसपी को जानकारी दी थी कि हाल में पांच लड़कियों की खरीद-फरोख्त कर दलालों के रेडलाइट एरिया में लाया गया है. इसमें कई नाबालिग हैं. इसके बाद एनजीओ की सूचना पर सीतामढ़ी पुलिस ने छापेमारी किया. लेकिन, इस छापेमारी में नगर थाना पुलिस को अलग रखा गया था. पुलिस ने रेडलाइट एरिया में भाग रहे दलालों को कमर भर पानी में दौड़ाकर पकड़ा. पुलिस हिरासत में महिलाओं ने कहा कि धंधे में थोड़ा भी आनाकानी करने पर गरम रॉड से बदन पर दागा जाता था. कई दिनों तक खाना नहीं मिलता. गलत काम के लिए इंजेक्शन दिया जाता था. भागने का प्रयास करने पर मकान में बने तहखाने में बंद कर यातनाएं दी जाती थीं. ट्रेन या बस से लाने के दौरान नई लड़कियों को अक्सर रात में आंखों में पट्टी बांधकर दलालों द्वारा स्टेशन से यहां तक पहुंचाया जाता था.
घेराबंदी के बाद की कार्रवाई
सीतामढ़ी पुलिस का कहना है कि जिन घरों से नाबालिगों बरामद किया गया है , उसके मकान मालिक और बिचौलिये के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी. बरामद की गई लड़कियां बिहार, झारखंड, यूपी व पश्चिम बंगाल की हैं. इन्हें बहलाकर लाने के बाद बंधक बनाकर रखा गया था. छापेमारी में मुख्यालय डीएसपी आरएन साहू, प्रशिक्षु डीएसपी सोनली कुमारी, हुल्लाश कुमार व डुमरा थाना प्रभारी जनमेजय राय के आलावा पुलिस लाइन से फोर्स लगाई गई थी. बताते चलें कि नवंबर, 2018 के बाद यह तीसरी बड़ी कार्रवाई थी. अक्टूबर 2019 में पुलिस की छापेमारी में भागने के दौरान एक शख्स ने पानी में छलांग लगा दी थी. उसकी डूबने से मौत हो गई थी.