अब प्रत्येक दिन स्कूलों में चलेगा रीडिंग का क्लास
शिक्षा विभाग के प्रयास के बावजूद अब भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें पढ़ने में ही परेशानी नहीं होती है, बल्कि उन्हें गणित की बेसिक जानकारी नहीं है.
सीतामढ़ी. शिक्षा विभाग के प्रयास के बावजूद अब भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें पढ़ने में ही परेशानी नहीं होती है, बल्कि उन्हें गणित की बेसिक जानकारी नहीं है. यह समस्या कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के साथ है. नजदीक से इसका अनुभव करने के बाद विभाग ने ऐसे बच्चों के हित में बेहतर निर्णय लिया है. यानी रीडिंग/गणित स्किल विकसित करने के लिए शिक्षकों को टास्क सौंपा गया है. — हजार बच्चों की जांच में खुलासा प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने डीईओ को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि सूबे के हजार स्कूलों के कक्षा तीन, पांच व आठ के 25 हजार बच्चों की जांच कि गई है, जिसमें यह पाया गया है कि बच्चों में पाठ्य-पुस्तक को धारा-प्रवाह पढ़ने के साथ ही जोड़, घटाव, गुणा एवं भाग के प्रश्न को सही-सही हल करने में और अभ्यास की आवश्यकता है. सत्र 2024-25 की शेष अवधि में कक्षा एक से आठ तक के छात्रों में रीडिंग स्किल एवं मैथेमेटिकल्स स्किल को विकसित किया जाना आवश्यक है, ताकि इन छात्रों का आधार मजबूत हो सके एवं वे अगली कक्षा के लिए तैयार हो सकें. — 100 दिनों का टाइमलाइन निर्धारित उक्त स्कूल विकसित करने के लिए विभाग द्वारा 100 दिनों का टाइमलाइन निर्धारित किया गया है. विभाग ने कहा है की स्कूलों में प्रतिदिन कक्षा एक से आठ तक छात्र के लिए बेसिक गणित एवं गणित के प्रश्नों को त्वरित गति से हल करना सिखाया जाय. पहली घंटी में ही यह करना है. दूसरी घंटी में प्रतिदिन एक घटना रीडिंग कराने को भी कहा गया है. उक्त दोनों काम वर्ग शिक्षक करेंगे. फिर शिक्षक उक्त स्किल का सोमवार को साप्ताहिक मूल्यांकन भी करेंगे. — सोमवार को बच्चों की होगी जांच शिक्षक शनिवार को ही रविवार के लिए बच्चों को टास्क देंगे और उसकी परीक्षा सोमवार को लेंगे. हर सोमावार को प्रथम घंटा रीडिंग टेस्ट एवं दूसरा घंटा मैथेमेटिकल्स जांच हेतु निर्धारित की गई है. विभाग ने जानकारी दी है कि एससीईआरटी के परामर्श से टेस्ट पेपर तैयार कराया जायेगा. टेस्ट पेपर उपलब्ध कराने की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी एवं तब तक वर्ग शिक्षक अपने स्तर से टेस्ट पेपर तैयार कर छात्रों का मूल्यांकन करेंगे.
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