अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं धार्मिक ग्रंथ एवं साहित्य : देवी पूर्णिमा गार्गी
मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित एक होटल परिसर में श्री मद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ हुआ.
सीतामढ़ी. मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित एक होटल परिसर में श्री मद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ हुआ. 24 जून तक प्रतिदिन संध्या पांच से रात्रि आठ बजे तक कथा का आयोजन किया गया है. कथा व्यास के रूप में प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी पूर्णिमा गार्गी ने कहा कि माता सीता की जन्मभूमि पर उनकी गोद में श्री मद्भागवत कथा कहना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. प्रभु का भगवद कथा श्रवण प्रभु कृपा से ही संभव है. उनपर प्रभु की कृपा होती है. प्रभु हाथ पकड़कर कथा स्थल तक ले आते हैं. रहमतों के फूल बरसते हैं, जब सांवरे का दीदार होता है. बड़े सौभाग्यशाली हैं वे, जिन्हे लड्डू गोपाल का दीदार होता है. सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्री कृष्ण भगवान की लीलाओं को सुनाया जाएगा. भक्ति भजन मंगलमय गीत गायन होगा. बिना राधा रानी की स्तुति के कथा श्रवण संभव ही नहीं. राधा रानी के स्मरण एवं भक्ति से भगवान कृष्ण का स्नेह प्राप्त होता है. राधा रानी की भक्ति से कृष्ण सहजता से प्राप्त होते हैं. धार्मिक साहित्य एवं ग्रंथ जीवन को अज्ञानता से प्रकाश की ओर ले जाते हैं.कहा कि सनातन धर्म की पुस्तकों में श्री लगाया जाता है. श्री शब्द का अर्थ है वैभव से परिपूर्ण ग्रंथ. समृद्धि से परिपूर्ण ग्रंथ जीवन को नयी दिशा प्रदान करता है, इसलिए सनातन का प्रत्येक ग्रंथ का नाम श्री से शुरू होता है. श्री मद भागवत कथा सत्य कथा है, जो जीवन जीने की कला सिखाती है. महर्षि वेदव्यास समेत श्रेष्ठ संतों के भाव इसमें है. गुरु ही अज्ञानता के गहरे सागर से प्रकाश की ओर ले जाते हैं. संत शिरोमणि तुलसी दास ने भी गुरु चरणों की वंदना किया है. मौके पर मुख्य यजमान शिवनाथ प्रसाद व सुरेंद्र कुमार छोटू ने पूजा अर्चना कर व्यास पीठ की आरती की. सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, अरुण कुमार गोप, मनीष शुक्ला, महंत राज नारायण दास, राम बालक दास, भूषण दास, राधे श्याम, बीके वंदना, दिलीप झा, गगनदेव यादव, मोहित कुमार, आग्नेय कुमार व अविनाश कुमार उपस्थित रहे.
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