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Sitamarhi News : 25 अगस्त 1942 को जिले के दर्जनों क्रांतिकारियों ने शहादत देकर आजादी का रास्ता किया था प्रशस्त

Sitamarhi News : 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जिले के तत्कालीन पुपरी थाना क्षेत्र के दर्जनों क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी पुलिस के साथ हुई झड़प में अपनी शहादत देकर आजादी का रास्ता प्रशस्त किया था

Sitamarhi News : रतिकांत झा, सीतामढ़ी 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जिले के तत्कालीन पुपरी थाना क्षेत्र के दर्जनों क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी पुलिस के साथ हुई झड़प में अपनी शहादत देकर आजादी का रास्ता प्रशस्त किया था. अमर शहीद रामफल मंडल की जीवनी के लेखक व शहीदों के शोधकर्ता शिक्षाविद बिनोद बिहारी मंडल ने यह जानकारी दी. बताया कि 24 अगस्त 1942 को जिले के बाजपट्टी चौक पर स्वतंत्रता सेनानिी ने तत्कालीन एसडीओ, पुलिस इंस्पेक्टर, हवलदार एवं चपरासी की हत्या के बाद पुपरी थाना क्षेत्र अंग्रेजी पुलिस के जुल्म के निशाने पर आ गये थे.

Sitamarhi News : नील का उत्पादन अंग्रेजों द्वारा जबरन कराया जाता था

25 अगस्त 1942 को फिरंगी पुलिस ने बाजपट्टी क्षेत्र के प्रमुख आंदोलनकारियों रामफल मंडल, कपिलदेव सिंह, जानकी सिंह व हरिहर प्रसाद के घरों को जला दिया. बनगांव निवासी जानकी सिंह को गोली मार दी. प्रदीप सिंह को पकड़कर कलापनी भेज दिया, जहां बाद में उनकी मृत्यु हो गयी. बताया कि बाजपट्टी रेलवे स्टेशन पर पटरी उखाड़ने व टेलीफोन का तार काटने के क्रम में हुई झड़प में आवापुर के मो इदरीश, मो मुस्लिम, मो सिदिक्की व कुर्थहिया के विशुन गोसाई पुलिस की गोलियों से शहीद हो गये.

पचड़ा निमाही के छठू ठाकुर पिस्तौल बनाते थे. उनके घर से हथियार समेत बनाने का सामान बरामद हुआ था. छठु ठाकुर ने अंग्रेज पुलिस पर पेट्रोल बम से हमला किया. मुठभेड़ में पुलिस की गोली से शहीद हो गए. पुपरी शहर के जनकपुर रोड रेलवे स्टेशन के पास हुई झड़प में बहेड़ा के रामबुझावन ठाकुर, चोरोत के भदई कबाड़ी, बेलमोहन के महावीर गोप, गंभीरा राय, सहदेव साह व सुखदेव साह व हरिहरपुर के रामचरण मंडल शहीद हो गये.

उस समय पुपरी क्रांतिकारियों का गढ़ था. पुपरी के लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता भगत सिंह एवं चंद्रशेखर आजाद द्वारा स्थापित हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य थे. जिन्होंने 1942 में एलएम हाइ-स्कूल, पुपरी की छत पर तिरंगा झंडा फहराकर छत से कूद कर भाग गये थे. आजाद हिंद फौज के गुप्त प्रशिक्षण शिविर में मधुरापुर में बम बनाने की ट्रेनिंग लिए थे.

बम बनाने के क्रम में विस्फोट में उनका एक हाथ जल हो गया था. वे ट्राट्स्की वादियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन के सदस्य थे. पुपरी के ही डाॅ अभिनंदन प्रसाद वर्मा जेपी के आजाद हिंद दस्ता के प्रमुख सदस्य थे. बालेश्वर मिश्र, इंद्रशेखर मिश्र प्रमुख आंदोलनकारी थे. ब्रह्मोल, नानपुर के राजनारायण सिंह क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के तिरहुत डिवीजन के सचिव थे. हरिहरपुर के रामस्वार्थ सिंह, रामलगन सिंह, रामस्वरूप सिंह, सोनेलाल सिंह, तेजनारायण सिंह प्रमुख आंदोलनकारी थे. पुपरी के जैतपुर मुहल्ला में नील का उत्पादन अंग्रेजों द्वारा जबरन कराया जाता था. आज उस जगह को कसमारा के नाम से जाना जाता है.

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