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डैम निर्माण स्थल से पुरव इंदरवा गांव से बेलवा बांध तक हो मिट्टी भराई

जिले के पिपराही प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इंदरवा गांव से बेलवा बांध के चढ़ाईं होते हुए डैम निर्माण स्थल तक विभिन्न जगहों में संभवतः तटबंध कमजोर हो चुकी हैं.

शिवहर: जिले के पिपराही प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इंदरवा गांव से बेलवा बांध के चढ़ाईं होते हुए डैम निर्माण स्थल तक विभिन्न जगहों में संभवतः तटबंध कमजोर हो चुकी हैं.जिसके कारण बरसात के मौसम में यहां के ग्रामीणों को तटबंध क्षतिग्रस्त होने की आशंका बराबर बनी रहती है. वहीं बेलवा घाट निवासी 68 वर्षीय जनक सहनी, बेलवा गोट निवासी किशोरी पासवान, झगरु पंडित, गगन देव राय, प्रमोद राउत, मुरलीधर पांडे सहित कई अन्य ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से विनम्र अनुरोध कर (डैम निर्माण स्थल से पुरव इंदरवा गांव से बेलवा बांध के चढ़ाईं तक) के बीच बांध को मिट्टी भराई कर जगह- जगह मरम्मती कराने के लिए मांग की है.ताकि उक्त तटबंध पर मरम्मती हो जाने से संभावित बाढ़ खतरा तटबंध पर नहीं होगा.ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि पूर्वी चंपारण सीमा देवापुर गांव से शिवहर सीमा बेलवा डैम तक खाली पड़े हिस्सों में 1732 मीटर में नये बांध यानी तटबंध का निर्माण कराया जा चुका है और बेलवा डैम व हेड रेगुलेटर में लगभग 25 प्रतिशत अभी भी तकनीकी कार्य बाकी है. कहा कि बाढ़ अवधि के दौरान बागमती नदी के पुरानी धार में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के लिए डैम का दक्षिणी फाटक नहीं खुल पाएगा.ऐसी परिस्थिति में संभावित बाढ़ आगमन के दौरान बागमती नदी में पानी का मार 1732 मीटर में तैयार हुए नये बांध से टकराएगा.जो पहले बांध खुला था. उसके बाद (डैम निर्माण स्थल से पुरव इंदरवा गांव से बेलवा बांध के चढ़ाईं तक) के बीच बांधों में जबरदस्त पानी के मार से ग्रामीणों को बांध क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडराने लगा है. जबकि 15 जून से बाढ़ अवधि की शुरूआत हो जाती है.इसलिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से बांध पर मिट्टी भराई कर मरम्मती कराने के लिए मांग की है. बागमती नदी के बेलवा स्थित डैम से पूर्वी चंपारण सीमा देवापुर तक 1732 मीटर में बांध निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. जिसमें शिवहर सीमा का बांध 732 मीटर और एक किलोमीटर मोतिहारी क्षेत्र का बांध पूरी तरह से कंप्लीट हो चुका है.कहा कि इंदरवा गांव से बेलवा बांध पर चढ़ाई के पास नदी के पेटी के तरफ 9 बेड बार बना दिया गया है. जिससे नदी में पर्याप्त बाढ़ आने की स्थिति में बेड से पानी टकराकर अपोजिट साइड में बाढ़ का पानी चला जाएगा. जिसकी वजह से बांध पर बाढ़ का खतरा कम रहेगा.कहा कि वर्तमान में बांध सुरक्षित है.कहीं कोई परेशानी नहीं है. फिलहाल नदी का जल स्तर भी कम है.यदि बाढ़ अवधि के दौरान बारिश से बांध में रैनकट होता है.तो उन जगहों को चिन्हित कर तुरंत मरम्मती कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा. राकेश रंजन, कार्यपालक अभियंता बागमती बाढ़ प्रमंडल शिवहर.

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