आशीष की हत्या से पहले आरोपितों ने जमकर पी थी शराब
जिले के पुपरी थाना क्षेत्र के हरदिया गांव के आशीष कुमार झा की हत्या की गुत्थी सुलझने के साथ ही आरोपितों की निर्दयता का भी खुलासा हुआ है.
सीतामढ़ी. जिले के पुपरी थाना क्षेत्र के हरदिया गांव के आशीष कुमार झा की हत्या की गुत्थी सुलझने के साथ ही आरोपितों की निर्दयता का भी खुलासा हुआ है. सभी आरोपितों ने काफी बेरहम तरीके से आशीष की हत्या की थी. गिरफ्तार छह में से एक हत्यारोपी अरविंद कुमार ने पुलिस की पूछताछ में हत्या से जुड़ी पूरी बातों को उगल दिया है. घटना से पूर्व सभी आरोपितों ने जमकर शराब पी थी. अरविंद दरभंगा जिले के खराजपुर गांव का निवासी है. वह रामाशीष महतो का पुत्र है. गिरफ्तार अन्य पांच आरोपित भी उसी गांव के है. शराब और सिगरेट का आदि 19 वर्षीय अरविंद ने आशीष की हत्या की जो प्लानिंग पुलिस से शेयर की है, उससे रोंगटे खड़े हो जा रहे है. पत्थर दिल अरविंद की माने, तो उसके ग्रामीण नीरज से दिल्ली में रह रहे आशीष की बातचीत होती थी और इस दौरान नीरज, आशीष का पूरा विश्वास जीत लिया था. यही कारण रहा कि आशीष झा दिल्ली से अपने आने के क्रम में दरभंगा स्टेशन से नीरज के घर पहुंचा था और वही खाना भी खाया था. जब आशीष शौच को गया, तो नीरज ने उसका मोबाइल चेक किया और पाया कि मोबाइल में बातचीत (नीरज-आशीष) की रिकार्डिंग सेव है. आशीष लौटा, तो नीरज उसके मन की बात जानने की कोशिश के तहत कहा कि राजीव की हत्या करने में सभी फंस जायेंगे. अरविंद ने बताया है कि आशीष काफी शातिर दिमाग का था. आशीष ने नीरज को धमकी दिया कि हत्या में साथ नही भी देंगे, तो भी फंसना ही है. चूंकि बातचीत की रिकॉर्डिंग सेव और सुरक्षित है. फिर नीरज के कहने पर आशीष वहां से समस्तीपुर पहुंचा और हथियार लेकर आया. इस बीच, अरविंद और नीरज ने साथियों के साथ मिलकर आशीष की हत्या की योजना बना चुका था.अरविंद ने खुलासा किया है कि आशीष की हत्या और शव के दफन के लिए गांव से सटे एक बगीचा को चुना गया था. हथियार के साथ आशीष को नीरज ने उसी बगीचा में बुलाया था. तबतक सभी हत्यारोपी बगीचे में पहुंच चुके थे. लोगों पर नजर रखने के लिए साथी प्रदीप बगीचे के बाहर खड़ा था. फिर शेष बचे पांचों साथियों ने अपनी-अपनी जेब से चाकू निकाली और आशीष पर प्रहार शुरू कर दिया. इस तरह गोद-गोद कर उसकी हत्या कर दी गयी. फिर नीरज अपने घर से कुदाल लाया और अरविंद एक बोरा नमक खरीद कर लाया. गड्ढे में शव को रखकर उसके ऊपर नमक रख मिट्टी से ढंक दिया गया. गौरतलब है मृतक आशीष के मोबाइल से ही दो वर्ष पुराने इस घटना का पर्दाफाश हुआ है. अरविंद की माने, तो हत्या के बाद आशीष का मोबाइल मोहन ले लिया था. कुछ दिनों के बाद उसने मोबाइल अरविंद को दे दिया. इसी मोबाइल के आधार पर पुपरी थानाध्यक्ष अशोक कुमार अरविंद तक पहुंचे थे और उसे दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर हत्या में शामिल अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का उद्भेदन कर लिया है. अरविंद ने खुलासा किया है कि आशीष की हत्या और शव के दफन के लिए गांव से सटे एक बगीचा को चुना गया था. हथियार के साथ आशीष को नीरज ने उसी बगीचा में बुलाया था. तबतक सभी हत्यारोपी बगीचे में पहुंच चुके थे. लोगों पर नजर रखने के लिए साथी प्रदीप बगीचे के बाहर खड़ा था. फिर शेष बचे पांचों साथियों ने अपनी-अपनी जेब से चाकू निकाली और आशीष पर प्रहार शुरू कर दिया. इस तरह गोद-गोद कर उसकी हत्या कर दी गयी. फिर नीरज अपने घर से कुदाल लाया और अरविंद एक बोरा नमक खरीद कर लाया. गड्ढे में शव को रखकर उसके ऊपर नमक रख मिट्टी से ढंक दिया गया. गौरतलब है मृतक आशीष के मोबाइल से ही दो वर्ष पुराने इस घटना का पर्दाफाश हुआ है. अरविंद की माने, तो हत्या के बाद आशीष का मोबाइल मोहन ले लिया था. कुछ दिनों के बाद उसने मोबाइल अरविंद को दे दिया. इसी मोबाइल के आधार पर पुपरी थानाध्यक्ष अशोक कुमार अरविंद तक पहुंचे थे और उसे दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर हत्या में शामिल अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का उद्भेदन कर लिया है.
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