मां-बाप की बद्दुआ अल्लाह के दरबार में सुनी जाती है
प्रखंड मुख्यालय स्थित नीलामी टोला में रविवार की रात्रि इस्लाह-ए-मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया.
परसौनी. प्रखंड मुख्यालय स्थित नीलामी टोला में रविवार की रात्रि इस्लाह-ए-मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की सदारत (अध्यक्षता) मुफ्ती मुतिउर रहमान निजामी ने किया. संचालन मौलाना खालिद रजा मरकजी ने किया. सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत कुरानखानी से की गयी. कार्यक्रम में बरेली, खलीलाबाद, दिल्ली, सिवान, गोपालगंज, बनारस सहित देश के अन्य हिस्सों से उलमा-ए-कराम शिरकत किये थे. इस दौरान उलमाओं ने एकजुट होकर वालिद (पिता) वालिदैन (माता) से मुहब्बत व खिदमत करने पर बल दिया. कहा कि मां-बाप को नाराज करके कोई शख्स जन्नत में नही जा सकता है. उलमा-ए-कराम और धार्मिक गुरु उपस्थित होकर इंसान को इंसान बनने और एक अल्लाह की इबादत करने सब के अधिकारों को पूर्ति करने और मां-बाप के महत्व के बारे में बताया. मौलाना निजामुद्दीन आलमी ने कहा कि मां-बाप के कदमों में जन्नत है. वहीं मौलाना हारून मिस्बाही ने कहा कि मानव के लिए पूरी दुनिया एक कुंबा है. पीरे तरीकत सूफी फारूक ने कहा की नीयत, बदन, नजर और दिल दिमाग को पाक साफ रखने की हिदायत की. शायर हजरत नुरुलऐन, हाफिज जमीरुद्दीन अन्य ने अपनी सुरीली आवाज में कलाम के माध्यम से इंसानियत का पैगाम दिया. मौके पर मौलाना मो जहांगीर, हाफिज मोकीमुद्दीन, हाफिज आदिल रजा, मौलाना शमीम अहमद, मौलाना सिकंदर अली, मौलाना सहिदुर रहमान, असगर इमाम, हाफिज मो.राजी, हाफिज गुलाम मोहम्मद नूरी, हाफिज अतिउर्रह्मान, अहमद रजा, मो.जरकानी, अनवारुल हक समेत मौजूद रहे.