तीन घंटे तक पूरे शहर में लगा रहा महाजाम, नोंक-झोंक की आती रही नौबत
ऐसा कोई दिन नहीं, जिस दिन शहर व शहर से बाहर से आने वाले लोगों को जाम का सामना नहीं करना पड़े, लेकिन पिछले तीन दिनों से पूरा शहर जाम की चपेट में है.
सीतामढ़ी. वैसे तो शहर में जाम की समस्या आम है. ऐसा कोई दिन नहीं, जिस दिन शहर व शहर से बाहर से आने वाले लोगों को जाम का सामना नहीं करना पड़े, लेकिन पिछले तीन दिनों से पूरा शहर जाम की चपेट में है. सोमवार को तो पूरे शहर में ऐसा जाम लगा कि राहगीरों एवं वाहन चालकों को कुछ नहीं सूझ रहा था कि वह अपनी मंजिल तक जायें, तो किसी रास्ते से जायें. जो जहां थे, उन्हें उसी जगह घंटों तक बेवस बनकर जाम हटने का इंतजार करना पड़ा. पैदल चलना भी मुश्किल था. दर्जनों यात्री बसें, स्कूल बसें रास्ते में घंटों तक फंसे रहे, जिसके चलते बच्चे घंटों देरी से अपने घर पहुंच सके. वहीं, मुजफ्फरपुर, पटना इत्यादि जगहों के लिए खुली बसें भी जाम में फंसी रहीं, जिसके चलते उसमें बैठे यात्रियों का काफी समय खराब हुआ. ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा व अन्य वाहनों में बैठे यात्रियों से चालकों के साथ कई जगह कहा-सुनी होने की नौबत आती रही. किसी का कोई वश नहीं चल रहा था. पुलिस जाम को खत्म कराने के लिए घंटों तक मशक्कत करती रही, लेकिन लोग जाम में फंसकर घंटों परेशान रहे. स्थिति यह बन गयी थी कि किसी के पास कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं मिल पा रहा था, जिस रास्ते से लोग जाम से बचते हुए अपनी मंजिल की ओ जा सके. तमाम गलियों में भी जाम लगे हुए थे.
सुरसंड रोड, रेलवे स्टेशन रोड, अंचल गली, अस्पताल रोड, किरण चौक, मेन रोड, महंत साह चौक, थाना रोड, गुदरी रोड, जानकी स्थान रोड, बाइपास रोड, डुमरा शंकर चौक से सीतामढ़ी कारगिल चौक तक, बाइपास रोड समेत तमाम सड़कों पर घंटों तक जाम लगा रहा. जाम में फंसे लोग अपने लोगों को मोबाइल कॉल के जरिये शहर में हर तरफ जाम लगे होने की सूचना देते हुए शहर में आने से रोकते दिखे. एक-दूसरे से नोंक-झोंक की स्थिति उत्पन्न हो रही थी. जाम के कारण विद्यार्थियों, काम-काजी लोगों, अधिकारियों, कर्मचारियों, व्यवासायियों व आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. आखिर, पुलिस के घंटों मशक्कत के बाद शाम करीब 5.30 बजे जाम पर काबू पाया जा सका.
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