सुरसंड. 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं 21वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ स्वामी की गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान की पौराणिक तीर्थ स्थल पर भव्यता से जन्म व तप कल्याणक महोत्सव मनाया गया. बताया गया कि बाबा वाल्मीकेश्वर महादेव मठ जानेवाली पथ में भगवान नमिनाथ स्वामी की चार कल्याणक स्थली है. आध्यात्म योगी आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के संघस्थ ब्रह्मचारी भोला भैया जी के मंगल सानिध्य में प्रातःकाल पूजन मंगलाष्टक की मधुर मंत्रोच्चार से प्रारंभ हुआ. श्रावकों ने मूलवेदी में विराजमान चतुर्थकालीन सम भगवान मल्लिनाथ एवं भगवान नमिनाथ स्वामी की प्रतिमा को गाजेबाजे व घंटों की ध्वनि करते हुए नगर भ्रमण कराकर पुनः मंदिर में स्थापित पांडुकशिला पर विराजित किया. मनोज कुमार पहाड़िया, भिलाई द्वारा जलाभिषेक व अन्य विधियां पूरी की गयी. इस अवसर पर इनकी 35 फुट प्रतिमाएं विराजमान हुईं. इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने जैन ध्वज लेकर गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं को नगर तथा तीर्थ में प्रवेश कराया गया. 120 टन के विशाल क्रेन द्वारा तीनों तीर्थंकरों के कमल को वेदी में विराजमान कराया गया. इसके बाद तीनों तीर्थंकरों की प्रतिमा को बारी-बारी से कमल पर विराजमान किया गया. — मिथिलापुरी तीर्थ पर तीव्र गति से चल रहा निमार्ण कार्य
आचार्य श्री के सानिध्य में 2025 में होगा भव्य पंचकल्याणक महोत्सव
सुरसंड. बिहार स्टेट दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र के मानद मंत्री पराग जैन ने बताया कि श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर प्रतिमा विराजमान के बाद वर्ष 2025 में आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी के सानिध्य में भव्य पंचकल्याणक महामहोत्सव आयोजित किये जायेंगे. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. वर्तमान में 10 कमरे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. जबकि, 12 कमरे अभी निर्माणाधीन हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है