आज 19,47,996 मतदाता करेंगे 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
आजादी की लड़ाई के साथ-साथ संसदीय राजनीति में सीतामढ़ी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
सीतामढ़ी. आजादी की लड़ाई के साथ-साथ संसदीय राजनीति में सीतामढ़ी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. अब तक के सीतामढ़ी संसदीय प्रतिनिधित्व से स्पष्ट होता है कि यहां के मतदाताओं में समाजवादी चिंतन के नेताओं को अपना प्रतिनिधि बनाने में विशेष अभिरूचि रही है. मां सीता की इस पावन भूमि के कुल मतदाता 1947996 सोमवार को 14 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. –कृपलानी व बलिराम रह चुके है सीतामढ़ी के सांसद
सीतामढ़ी लोकसभा संसदीय क्षेत्र की पृष्ठभूमि अत्यंत गौरवशाली रही है. इस क्षेत्र से राष्ट्रीय स्तर के नेताओ ने सांसद के पद को सुशोभित करते हुए लोकसभा का सफर तय किया है. आजादी से पूर्व वर्ष 1946 में मेरठ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में रहे जीवटराम भगवानदास कृपलानी (जे बी कृपलानी) 1957 में दूसरी लोकसभा आम चुनाव में सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चुने गए. इसी तरह छठी लोकसभा के दौरान लोकसभा अध्यक्ष रहे बलिराम भगत भी इस क्षेत्र से सांसद के पद पर निर्वाचित हुए है. वर्ष 1989 में सीतामढ़ी के सांसद रहे हुकुमदेव नारायण यादव आगे चलकर केंद्रीय राज्य मंत्री के पद पर पहुंचे.–67 वर्षो में 10 सांसदों का सफर
–14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में
• अर्जुन राय (राजद) – लालटेन• देवेश चंद्र ठाकुर (जदयू) – तीर
• भोला सिंह (बसपा) – हाथी • उपेंद्र सहनी (राजपा) – फूलगोभी • मुशाहिद रजा (देश जनहित पार्टी) – स्कूल का बस्ता • राजेंद्र महतो (कर्पूरी जनता दल) – ट्रक • अब्दुल समद (निर्दलीय) – एयर कंडीशनर • आनंद कुमार झा (निर्दलीय) – अलमीरा • उमेश कुमार यादव (निर्दलीय) – सेब• कृष्ण किशोर (निर्दलीय) – ऑटो रिक्शा
• चन्द्रिका प्रसाद (निर्दलीय) – बेबी वॉकर
• विनोद साह (निर्दलीय) – गुब्बारा
• श्यामनंदन किशोर प्रसाद (निर्दलीय) – चूड़ियां • साईका नवाज अजमत (निर्दलीय) – बल्लाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है