नानपुर. थाना क्षेत्र के ददरी गांव में शनिवार की रात पुलिस की कथित पिटाई से जगरनाथ मुखिया की मौत के मामले ने यू टर्न ले लिया है. मृतक की पत्नी तारा देवी ने जगरनाथ मुखिया की मौत को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप व हंगामा पर विराम लगा गया है. पत्नी तारा देवी ने पुलिस को आवेदन देकर कहा है कि पति बीमार थे, उनका इलाज चल रहा था. शनिवार को उनकी स्वभाविक मौत हो गयी है. उनकी मौत में किसी का हाथ नही है. पत्नी के आवेदन देने के बाद परिजन व ग्रामीण शांत हो गये और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर यूडी केस दर्ज कर लिया. इधर, जगरनाथ मुखिया की मौत के बाद आरोप के घेरे में आ रहे थानाध्यक्ष संजय कुमार अवकाश पर चले गये. रविवार को थानाध्यक्ष के प्रभार में राकेश कुमार अपना योगदान दे रहे थे, हालांकि मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. मृतक के बड़े भाई वैद्यनाथ मुखिया ने भी शनिवार को दिये बयान से यू-टर्न लिया. शनिवार को कैमरा के सामने चीख-चीख कर थानाध्यक्ष पर भाई की हत्या का आरोप लगा रहे बड़े भाई वैद्यनाथ मुखिया ने रविवार को पुलिस पर लगे आरोपों से न तो इनकार किया और न स्वीकार. ग्रामीणों का भी कमोवेश यही हाल रहा, हालांकि मामले में तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है. बताया गया कि ददरी गांव में शनिवार को जगरनाथ मुखिया की मौत होने पर बवाल हो गया था. भाई वैद्यनाथ मुखिया समेत अन्य ग्रामीणों का आरोप था कि थानाध्यक्ष संजय कुमार ने जगरनाथ मुखिया के घर आकर दारू बनाने का आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई कर दी. जिससे उनकी मौत हो गयी. ग्रामीणों का आरोप है कि जगरनाथ को मृत देख पुलिस वाले भागे, लेकिन उनकी जीप पलट गयी. इसके बाद वह जीप छोड़कर भाग गये. एसडीपीओ अतुन दत्ता ने बताया कि पत्नी ने अपने पति की मौत को स्वाभाविक बताते हुए आवेदन दिया है. बतायी है कि पति बीमार थे. उनकी मौत में किसी का हाथ नहीं है. आमलोगों से भी अपील है कि गलत अफवाह नहीं फैलाएं. विधि-व्यवस्था खराब करने की कोशिश नहीं करें, नहीं तो पुलिस चिह्नित कर कानूनी कार्रवाई करेगी.
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