नशा और अपराध की दलदल में फंसता जा रहा युवा

नशा एक ऐसी बीमारी है, जिसकी चपेट में आने के बाद इंसान आर्थिक और सामाजिक तौर पर इतना बड़ा नुकसान कर बैठता है,

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2024 9:58 PM

सीतामढ़ी. नशा एक ऐसी बीमारी है, जिसकी चपेट में आने के बाद इंसान आर्थिक और सामाजिक तौर पर इतना बड़ा नुकसान कर बैठता है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है और यह बीमारी जिले के युवाओं में हवा की तरह फैल रही है. शहर का पार्क हो, कोई सुनसान सरकारी भवन हो, हाइस्कूल या कॉलेज के आसपास सुनसान झाड़ी, पोखर हो, पुराने खाली पड़े घर हो, गांव का कोई बगीचा हो या किसी के खाली पड़े पुराने मकान के कमरे, ऐसे स्थान नशा का अड्डा बन चुके हैं. इन स्थानों पर सिरिंज, नशे वाला इंजेक्शन के टूटे हुए खाली शीशी, व्हाइटनर, शराब की खाली बोतलें, कफ सिरप व नशा से संबंधित अन्य चीजें सरेआम देखने को मिल रहे हैं. — शौक से शुरू होकर लत में बदल जाता है नशा, अभिभाकों को केयर करने की जरूरत

नगर के एसएलके कॉलेज के प्राचार्य व साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आज के नवयुवाओं में नशा और अपराध की प्रवृत्ति हवा की तरह तेजीसे फैल रही है. यूनिवर्सिटी में एक तालाब है, वहां भी इस तरह का दृश्य देखने को मिलता है. 15 से 20 वर्ष के बीच के कई युवा व्हाइटनर, इंजेक्शन, सिगरेट में भरकर ड्रग्स व गांजा का सेवन करते देखे जाते हैं. यह स्थिति समाज के लिए चिंताजनक है. अभिभावकों का बच्चों पर ठीक से केयर नहीं करना एक बड़ा कारण है. कुसंगति के कारण एक युवा से दूसरे और दूसरे से अनेकों युवाओं में नशा और अपराध की प्रवृति फैल रही है. शॉक से शुरू नशा लत में बदल जाता है और लत की पूर्ति के लिए युवा अपराध की दलदल में फंसते चले जा रहे हैं.

— साइंस का हो रहा दुरुपयोग

प्रो वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि मोबाइल भी युवाओं को बहकाने का काम कर रहा है. साइंस का दुरुपयोग हो रहा है. यदि मोबाइल का सदुपयोग हो तो युवाओं का जीवन बदल सकता है. मोबाइल के दुरुपयोग के कारण युवाओं में नशा, सेक्स और अपराध की प्रवृति हावी होती जा रही है. यह स्थिति काफी चिंताजनक है.

— गंभीरता से हो विचार, समाज का हो रहा बड़ा नुकसान

बथनाहा प्रखंड के सिंगरहिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बिमलेश कुमार सिंह व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के बाग-बगीचों से लेकर पवित्र ब्रह्मस्थान परिसर तक नवयुवाओं का जमावड़ा रहता है. उक्त स्थानों पर काफी संख्या में खाली इंजेक्शन, सिरिंज, शराब की बोतलें, व्हाइटनर इत्यादि नशे से संबंधित चीजें देखने को मिलते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के युवा पूरी तरह नशा और अपराध की दलदल में फंसते जा रहे हैं. इस पर सरकार और प्रशासन को गंभीरता से विचार करना चाहिए. देर हुई तो समाज को बड़ा नुकसान हो जाएगा. बताया कि सिंगरहिया में हाल के महीनों में हुई तीन डकैती समेत कई चोरी की घटनाओं में शामिल तमाम अपराधी 15 से 20 वर्ष आयुवर्ग के ही पाये गये थे और सभी नशे में पाये गये थे.

— पंच महापापों में शराब का सेवन दूसरा बड़ा महापाप

राम-जानकी मठ, भवदेपुर के महंत रामउदार दास ने बताया कि अभिभावकों को जागरुक होना होगा. शराब की जद में आकर युवा अपना भविष्य खराब कर रहे हैं. शास्त्रानुसार, शराब पंच महापापों में दूसरा सबसे बड़ा पाप है, इसलिए अपने जीवन और परिवार में शांति और विकास के लिए इस महापाप से युवाओं को बचने की जरूरत है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version