बिहार के सीवान जिला पिछले कई दिनों से देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल हो रहा है. शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र की हवा भी जहरीली बनती जा रही है. 16 नवंबर को जिले का एक्यूआइ 434, 29 नवंबर को 439 और एक दिसंबर को 460 पर पहुंच गया. पिछले 15 दिनों में शहरी क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक चार सौ के ऊपर रहा है. शनिवार की सुबह नगर के नया बाजार व चित्रगुप्त नगर का एकयूआइ 402 था. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र होने के बाद भी जीरादेई का एक्यूआइ 317 था.
गोपालगंज में वायु प्रदूषण लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है. शनिवार की सुबह शहर का एक्यूआइ 292 था. प्रदूषण का स्तर पहले से ही चिंताजनक है, लेकिन शनिवार को यह डेंजर जोन तक पहुंच गया. पिछले एक वर्ष से प्रदूषण का स्तर लगातार बिगड़ता जा रहा है. इस वर्ष 27 अक्तूबर के बाद शहर का एक्यूआइ 200 से नीचे नहीं आया है. इसका कारण एनएच-27 पर एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में नियमों का पालन नहीं करने, कचरों को जहां-तहां जला देने व वाहनों से निकल रही जहरीली धुआं है.
दीपावली के बाद से ही शहर की हवा की क्वालिटी काफी खराब बनी हुई है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स दो सौ ऊपर रह रहा है. सेहत के लिए खतरनाक मानी जाने वाली गैसों की मात्रा भी खतरनाक स्तर पर बनी हुई है. जहरीली होती हवा के साथ लोगों की सेहत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. शहर का एक्यूआइ दो दिसंबर को 291 और तीन दिसंबर को 236 रहा.
गया में पिछले कई दिनों से हवा जहरीली बनी हुई है. शनिवार को तो स्थिति और भी खराब रही. करीमंगज स्थित वायू प्रदूषण मापक स्टेशन के आंकड़ाें के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स औसतन 404 दर्ज किया गया है. जिसे बेहद गंभीर माना जाता है. न्यूनतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 310 और अधिकतम 500 दर्ज किया गया है. मालूम हो कि एक्यूआइ 0-50 के बीच अच्छा माना जाता है, लेकिन यह गया हैं 401-500 के बीच है. मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो डॉ रंजीत कुमार वर्मा कहते हैं कि गया में एक्यूआइ का बढ़ा मान काफी चिंता की बात है.
शहर-एक्यूआइ
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बेगूसराय- 406
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कल्याण- 394
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पूर्णिया- 386
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बेतिया- 375
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ग्रेटर नोएडा- 374
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सिवान- 373
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दरभंगा-360
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कटिहार-358
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सासाराम -358
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औरंगाबाद- 358
*आंकड़े शुक्रवार शाम चार बजे के हैं. स्रोत – सीपीसीबी साइट