Siwan Municipal Elections: आज और कल भारी संख्या में नामांकन होने का अनुमान, महिला प्रत्याशियों में उत्साह
प्रत्याशियों द्वारा नामांकन कार्य के लिए विभिन्न कागजातों की तैयारी के बाद अब नामांकन कार्य में तेजी आने की संभावना है. वहीं, नगर निकाय के चुनाव को लेकर शुक्रवार और शनिवार को भारी संख्या में Siwan में नामांकन किये जाने की संभावना है.
सीवान/महाराजगंज. नगर निकाय के चुनाव को लेकर शुक्रवार और शनिवार को भारी संख्या में नामांकन किये जाने की संभावना है. प्रत्याशियों द्वारा नामांकन कार्य के लिए विभिन्न कागजातों की तैयारी के बाद अब नामांकन कार्य में तेजी आने की संभावना है. शुक्रवार और शनिवार को शुभ मुहूर्त रहने के कारण सबसे भारी नामांकन की संभावना जतायी जा रही है. नामांकन के छठें दिन महाराजगंज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद सहित आठ प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. हालांकि अनुमंडल कार्यालय मे नामांकन स्थल पर अधिकारी और सुरक्षा कर्मी नामांकन के लिए आने वाले लोगो का इंतजार पिछले पांच दिन से कर रहे हैं. महाराजगंज नगर पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने वाले 79 उम्मीदवारों ने अब तक नामांकन शुल्क के रसीद कटव लिया है. जिसमें 12 उम्मीदवार मुख्य पार्षद के लिए और 27 उप मुख्य पार्षद के लिए 10 व वार्ड पार्षद के लिए 57 निर्धारित नामांकन शुल्क जमा कर नाजिर रसीद कटवा लिया है.
जुड़वां संतान को माना जायेगा एक संतान
महाराजगंज निकाय चुनाव लड़ने वाले वैसे प्रत्याशियों के लिए खुशखबरी है, यदि उन्हें जुड़वां संतान हुई है तो उसे एक संतान माना जायेगा. सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत चुनाव कि चुनावी अखाड़े में उतरने वाले बहुत सारे वैसे प्रत्याशी ऊहापोह में थे, जिन्हें तीन संतान थी, जिनमें दो संतान एक साथ जन्म लिये थे. वैसे लोग नामांकन करने को लेकर भ्रम की स्थिति में थे.चूंकि पंचायत निकाय चुनाव वैसे लोग ही लड़ सकते हैं, जिन्हें दो संतान है. इसे देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने दो से अधिक जीवित संतान को लेकर गाइडलाइन जारी की है. कहा गया है कि जुड़वां संतान की एक संतान के रूप में गणना की जायेगी .
प्रस्तावक व समर्थक को नहीं देनी है जुड़वां बच्चे की जानकारी
निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के साथ उनके प्रस्तावक व समर्थक को भी अपनी जीवित दो से अधिक संतान के बारे में जानकारी देनी है, मगर निर्वाचन आयोग ने उन्हें जुड़वा संतान के बारे में कोई लिखित प्रमाणपत्र समर्पित नहीं करने की छूट दी है.