सीवान में स्थापित होगा बायोगैस प्लांट
सराहनीय . फर्राटे भरेंगे बायोगैस संचालित वाहन कचरा और गोबर से तैयार होगी गैस, जलेगी लाइट, चलेंगे वाहन सीवान : जिलावासियों के लिए खुशखबरी है. जिले में शीघ्र बायोगैस का प्लांट स्थापित किया जायेगा. देश में कोयला, पेट्रोलियम सहित अन्य पारंपरिक ऊर्जा के कम हो रहे स्रोत व आसमान छू रही लागत को देख ख्वाजा […]
सराहनीय . फर्राटे भरेंगे बायोगैस संचालित वाहन
कचरा और गोबर से तैयार होगी गैस, जलेगी लाइट, चलेंगे वाहन
सीवान : जिलावासियों के लिए खुशखबरी है. जिले में शीघ्र बायोगैस का प्लांट स्थापित किया जायेगा. देश में कोयला, पेट्रोलियम सहित अन्य पारंपरिक ऊर्जा के कम हो रहे स्रोत व आसमान छू रही लागत को देख ख्वाजा एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी मंसूर आलम ने प्लांट स्थापित करवाने का निर्णय लिया है. इसके स्थापित हो जाने से बस सहित अन्य वाहन के अलावा लाइट व भोजन भी बनाया जा सकेगा.
ख्वाजा एग्रा के सीएमडी मंसूर आलम ने कहा कि यह सब वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी फीनिक्स इंडिया रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रुप नामक कंपनी के साथ मिल कर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चाहे केंद्र सरकार से लेकर नीदरलैंड सरकार से व प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह से मेरी मांग रही है कि प्रदेश में कोई भी उद्योग शुरू हो उसकी शुरुआत सीवान से हो. पहले मैं डेयरी खोलनेवाला था, परंतु नहीं हो सका. इसके बाद मैंने इस योजना की शुरुआत करने की पहल की. उन्होंने कहा कि नगर पर्षद का सारे कचरे का उठाव वह फ्री में करेंगे. यही नहीं, प्रखंड व सुदूर गांव-देहात में गोबर की खरीदारी 50 पैसे किलो की दर से करेंगे. मंसूर आलम ने कहा कि इस प्लांट के स्थापित हो जाने से जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा. यही नहीं, आनेवाले दिनों में सीवान का मोहिद्दीनपुर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में भी स्थापित होगा.
कचरा निष्पादन जैसी गंभीर समस्या से मिलेगी निजात : वर्तमान में कचरा निष्पादन एक गंभीर समस्या है. इससे अछूता कोई जिला व देश नहीं है. ऐसे में गोबर गैस संयंत्र स्थापित होने से इस कचरे का निस्तारण भी आसानी से हो सकेगा. यह बातें फिल्म अभिनेता तथा व्यवसायी शाहिद शम्स ने कहीं. उन्होंने कहा कि मैं काफी दिनों से बायोगैस पर रिसर्च कर रहा था. इस बीच मुझे पश्चिम बंगाल में कार्य कर रही कंपनी के बारे में पता चला. जब मैं वहां गया, तो मैंने देखा कि वर्तमान में ऊर्जा का इससे बेहतर स्रोत और कोई नहीं हो सकता. इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसका आसानी से उपलब्ध होना व कीमत कम होना. जल्दी सीवान में बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए काम शुरू हो जायेगा. इस मौके पर कंपनी की मोमिता विश्वास, अशोक अमन, मो़ असगर, लालबाबू प्रसाद, मुबारक अंसारी, वशीर आलम, शाहिद अली सिद्दीकी, सलमान हुसैन, अब्दुल करीम रिजवी सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे.
सड़कों पर जल्द दिखेंगे बायोगैस संचालित वाहन
बॉयोगैस संयंत्र स्थापित करनेवाली फीनिक्स इंडिया रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रुप नामक कंपनी की असिस्टेंटड मैनेजर व बिहार इंचार्ज सविता सिंह ने इस पूरे प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में बॉयोगैस संयंत्र के माध्यम से बॉयोगैस का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जा रहा है. कुछ समय पूर्व ही बायोगैस से एक यात्री बस चलायी गयी है. उम्मीद है जल्द ही पेट्रोल डीजल या अन्य ऊर्जा के स्रोत की जगह बॉयोगैस से ही अधिकांश गाड़ियां चलती नजर आयेंगी. सविता सिंह ने बताया कि बॉयोगैस बनाने के लिए गोबर सबसे बेहतर रॉ मेटेरियल है लेकिन साथ ही घरों से निकलने वाला जैविक कचरा भी इस के काम आयेगा.