न आने की चिंता, न जाने का समय, सब मनमौजी
उपस्कर की कमी से पठन-पाठन बाधित 20 जोड़ी बेंच ही मध्य विद्यालय के लिए है उपलब्ध रघुनाथपुर : जिन शिक्षकों के कंधे पर छात्रों के भविष्य की जिम्मेवारी है, उनके लिए न तो स्कूल आने का समय है और न जाने का समय. स्कूल के मुखिया के लाख प्रयास के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं […]
उपस्कर की कमी से पठन-पाठन बाधित
20 जोड़ी बेंच ही मध्य विद्यालय के लिए है उपलब्ध
रघुनाथपुर : जिन शिक्षकों के कंधे पर छात्रों के भविष्य की जिम्मेवारी है, उनके लिए न तो स्कूल आने का समय है और न जाने का समय. स्कूल के मुखिया के लाख प्रयास के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं है.
यह हाल प्रखंड क्षेत्र स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय, करसर का है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक जगरन्नाथ राम की माने, तो समय से स्कूल आने के बारे में शिक्षकों से पूछने पर वे मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं. इसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है. हालात ये हैं कि शिक्षकों की उपस्थिति के बावजूद छात्र पढ़ाई से वंचित है. प्रधानाध्यापक इस बारे में जल्द ही जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिल कर अपनी बात रखेंगे. साथ ही शिक्षकों के मनमाने व्यवहार पर अंकुश लगाने की मांग करेंगे.
विद्यालयों में संसाधनों का टोटा, शिक्षक की कमी : वैसे इस विद्यालय में भी अन्य स्कूलों की तरह संसाधनों की कमी है. मध्य विद्यालय को हाल के वर्षों में माध्यमिक विद्यालय में अपग्रेड कर दिया गया है. विद्यालय में शिक्षक व उपस्कर की कमी है. विद्यालय परिसर में चहारदीवारी नहीं होने से चापाकल, शौचालय भी सुरक्षित नहीं रह पाता है.
छुट्टी के बाद यहां असामाजिक तत्वों का बोलबाला रहता है. इनके द्वारा नये भवन की खिड़की का शीशा भी तोड़ दिया गया है.
शौचालय की स्थिति है जर्जर : विद्यालय में शौचालय की स्थिति काफी जर्जर है. छात्रों की मानें, तो इसका उपयोग करने पर डर लगता है. मौजूद चार चापाकल में दो बंद है, जबकि दो चालू है.
मिडिल स्कूल में नहीं है पर्याप्त उपस्कर
मिडिल स्कूल में 593 बच्चों का नामांकन है. यहां प्राथमिक स्तर के छात्रों के बेंच पर बैठने का कोई विभागीय निर्देश नहीं है, वहीं मध्य विद्यालय के छात्र भी उपस्कर के अभाव में जमीन पर बैठ कर ही पढ़ाई करते हैं. एचएम की मानें, तो 20 जोड़ी बेंच ही मध्य विद्यालय के लिए है, जबकि वर्ग छह, सात व आठ में नामांकित बच्चों की संख्या 370 है. वर्ग एक से आठ के लिए शिक्षकों की संख्या 14 है. इनमें दो शिक्षक बीआरसी में तैनात हैं, जबकि एक शिक्षक ट्रेनिंग दे रहे हैं.
हाइस्कूल में मात्र चार शिक्षक
वर्ग नवम व दशम में कुल नामांकित छात्रों की संख्या 200 है, जबकि इन्हें पढ़ाने के लिए मात्र चार शिक्षक ही नियुक्त हैं. मुख्य विषय के शिक्षकों की कमी है. वर्ग नौ में 92 व दशम में 114 बच्चों नामांकित हैं. इस विद्यालय में प्रयोगशाला व पुस्तकालय की बात करना बेमानी होगी.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
विद्यालय के शिक्षकों के मनमौजी व्यवहार से अनुशासन में गिरावट आयी है. कई शिक्षक समय से स्कूल नहीं आते हैं. शिकायत करने पर झगड़ा करने लगते हैं. इसकी शिकायत जल्द ही जिला शिक्षा पदाधिकारी से की जायेगी. रही बात संसाधन की, तो माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की कमी है. छात्रों के बैठने के लिए उपस्कर सहित अन्य सुविधाएं नहीं हैं. इस मामले में विभाग को अवगत करा दिया गया है.
जगरन्नाथ राम, प्रधानाध्यापक